Bjp News- विधायक ने कहा मेरे रेफरल कोड से ना बने भाजपा सदस्य…विधायक की इस अपील को भी लोगों ने कर दिया सीरे से खारिज…वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने बना डाला एेसा रिकार्ड जो श्याद ही कभी टूटे…उनके रेफरल कोड से अब तक बन चुके हैं, 33 हजार से ज्यादा सदस्य…जानिए छत्तीसगढ़ के किस विधायक या नेता ने बनाए कितने सदस्य

 Bjp News- विधायक ने कहा मेरे रेफरल कोड से ना बने भाजपा सदस्य…विधायक की इस अपील को भी लोगों ने कर दिया सीरे से खारिज…वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने बना डाला एेसा रिकार्ड जो श्याद ही कभी टूटे…उनके रेफरल कोड से अब तक बन चुके हैं, 33 हजार से ज्यादा सदस्य…जानिए छत्तीसगढ़ के किस विधायक या नेता ने बनाए कितने सदस्य

 

भिलाई। भारतीय जनता पार्टी में सदस्य बनाने में वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने राज्य के मंत्रियों व अन्य विधायकों को पीछे छोड़ते हुए गत 7 अक्टूबर 2024 तक सबसे ज्यादा 32 हजार 490 सदस्य बना लिए हैं और आज यह आंकड़ा 33 हजार के पार हो गया है। वैशाली नगर विधायक रिकेश पूरे छत्तीसगढ़ में टाप हैं और उनकी विधानसभा में 56 हजार से अधिक सदस्य बन चुके हैं जो कि छत्तीसगढ़ की सभी 90 विधानसभाओं में तीसरा स्थान है। विधानसभा स्तर पर सबसे अधिक कुरूद और उसके बाद बिलासपुर में भाजपा सदस्य बनाए गए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने 7 अक्टूबर तक जारी सूची में 13 हजार 700, पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने 10 हजार 270, अभनपुर इंद्रकुमार साहू 10 हजार 182, राजिम विधायक रोहित साहू 13 हजार 602 और केशकाल से नीलकंठ टेकाम ने 11 हजार 383 सदस्य बनाए हैं। इन छ: विधायकों के आलावा अन्य विधायकों में दुर्ग शहर गजेंद्र यादव और दुर्ग ग्रामीण ललित चंद्राकर भी कल और आज में 10 हजार का आंकड़ा पार किए हैं, इनके आलावा अन्य कोई विधायक लक्ष्य तक नहीं पहुंचे हैं।

गौरतलब हो कि 22 हजार सदस्य बनाने के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विधायक रिकेश सेन ने वैशाली नगर निवासियों और भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील भी की थी कि अब उनके रेफरल कोड की बजाय कार्यकर्ताओं के रेफरल पर सदस्य बनें तथा सभी कार्यकर्ता अधिक से अधिक सदस्य जोड़ें ताकि हमारा बूथ, शक्ति केंद्र, वार्ड और विधानसभा और भी मजबूत और सशक्त बने। लेकिन विधायक की इस अपील पर उनकी लोकप्रियता बीस पड़ गई और 25 हजार सदस्य बनने के बाद भी रिकेश सेन की सदस्यता का आंकड़ा 33 हजार पार कर गया है‌।

छत्तीसगढ़ में भाजपा सदस्यता अभियान में अगर मंत्रियों की बात करें तो 7 अक्टूबर तक केवल दो मंत्रियों लखनलाल देवांगन और दयालदास बघेल के सदस्यता का आंकड़ा 10 हजार से अधिक है।

छत्तीसगढ़ में राज्य की भाजपा सरकार संगठन महापर्व के तहत ऑनलाइन सदस्यता अभियान चला रही है। पिछले डेढ़ महीने से पूरी भाजपा सदस्य बनाने में ही जुटी हुई है। आलम यह है कि सदस्यता का लक्ष्य 60 लाख निर्धारित किया है। इसके तहत सांसद, मंत्री, विधायक, पार्टी पदाधिकारियों को अलग-अलग टारगेट दिए हैं। इसी कड़ी में विधायकों को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार का टारगेट कर दिया गया है, किंतु 7 अक्टूबर की स्थिति में अधिकांश विधायक 10 हजार के आंकड़े को पार नहीं किए हैं। केवल विधायकों द्वारा नए सदस्य बनाने का आंकड़ा देखें तो उनके रेफरल कोड से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने 8 हजार 368, अमर अग्रवाल 3 हजार 891, राजेश अग्रवाल 4 हजार 188, संपत अग्रवाल 7 हजार 419, सुशांत शुक्ला 5 हजार 662, भूलन सिंह मरावी 3 हजार 280, मोतीलाल साहू 5 हजार 161, योगेश्वर राजू सिन्हा 4 हजार 304, डोमलाल कोर्सेवाड़ा 3 हजार 399, अनुज शर्मा 3 हजार 989, दीपेश साहू 3 हजार 161, धर्मजीत सिंह 8 हजार 292, गुरु खुशवंत सिंह 8 हजार 209, पुन्नुलाल मोहले 8 हजार 690, शकुंतला सिंह पोर्ते 9 हजार 448, रामकुमार टोप्पो 1 हजार 105, रेणुका सिंह 9 हजार 24, प्रेमचंद पटेल 4 हजार 840, आशाराम नेताम 3 हजार 907, गोमती साय 4 हजार 654, लता उसेंडी 6 हजार 150, उधेश्वरी पैकरा 4 हजार 62, विक्रम उसेंडी 845, भैयालाल राजवाड़े 549, प्रणव कुमार मरपच्ची 3 हजार 360, विनायक गोयल 2 हजार 488 और चैतराम अटामी ने 734 सदस्य बनाए हैं।

भाजपा सदस्य बनाने में विधायकों के आलावा राज्य के मंत्री भी अभी पीछे चल रहे हैं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अब तक 8 हजार 451 सदस्य बनाए हैं। इसी तरह राजस्व मंत्री टेकराम वर्मा ने 6 हजार 327, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े 9 हजार 693, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन 11 हजार 115, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा 8 हजार 596, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल 12 हजार 804, कृषि मंत्री रामविचार नेताम 7 हजार 794 और उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने 7 हजार 812 सदस्य बनाए हैं। भाजपा के जानकारों का कहना है कि मंत्रियों का टारगेट 10 हजार पार हो जाएगा, संभवतः रेफरल कोड से यह संख्या लक्ष्य तक पहुंच जाएगी, क्योंकि अभी सदस्यता के लिए अभी 22 दिन शेष हैं।

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