Big News-बड़ी मिलावटी हुई शराब…थोड़ी थोड़ी पिया करो…सूर्या माल की प्रीमियम शराब दुकान से जब्त हुईं पानी मिली 6 बाटल, दो बार खाली हाथ लौटे उड़नदस्ता टीम को आखिरकर हाथ लगा बड़ा मामला…सुपरवाइजर समेत चार कर्मचारी ब्लैक लिस्ट…जानिए महंगी शराब की बोतलों में किस तरह से मिलाया जाता है पानी…कैसे पकड़ में आया मामला
भिलाई। अब तक हम दूध में पानी मिलाने, महुआ या देसी शराब में पानी मिलाने की बातें सुनते आ रहे थे लेकिन सरकार की सबसे मंहगी अंग्रेजी शराब दुकान में पानी मिलाने के इस मामले को पढ़ महंगी शराब के शौकीनों के होश फाख्ता हो जाएंगे।
जी हां, हम बात कर रहे हैं दुर्ग भिलाई की प्रीमियम शराब दुकानों की। हाल ही में लोकल आबकारी टीम की उदासीनता के चलते उड़नदस्ता को लगातार आनलाईन शराब की बोतलों में पानी मिलाए जाने की शिकायतें मिल रहीं थीं नतीजतन दो बार उड़नदस्ता क्षेत्र की प्रीमियम दुकानों पर छापा मार चुका था लेकिन इत्तेफाक से कुछ भी बेढंगा और शिकायत अनुरूप कार्रवाई जैसा हाथ नहीं आया।
उड़नदस्ता टीम को हैरानी इस बात की भी थी कि शिकायतें रूकने का नाम नहीं ले रहीं मतलब कुछ गड़बड़ी जरूर है। टीम ने हाल ही में भिलाई के सिविक सेंटर सहित अनेक प्रीमियम दुकानों पर पुनः दबिश दी तो इस बार गोताखोर की मुट्ठी खाली नहीं रही। सिविक सेंटर की प्रीमियम दुकान में जहां निर्धारित दर से अधिक पर शराब बेच रहा सेल्स मैन पकड़ा गया वहीं सूर्या मॉल स्थित प्रीमियम शराब दुकान में सिग्नेचर शराब की 6 बोतलें ऐसी भी जब्त की गई जिसमें पानी मिला कर बेचा जा रहा था।
उड़नदस्ता प्रभारी गोपाल कृष्ण भगत ने बताया कि प्रीमियम अंग्रेजी शराब दुकान में केवल ब्रांडेड कंपनी की महंगी शराब की बिक्री होती है। यहां एक हजार से 25 हजार रुपए तक की शराब मिलती है। यदि इतनी महंगी शराब में पानी मिला हो तो ग्राहकों के साथ बड़े अन्याय की बात है। सूर्या मॉल की इस प्रीमियम दुकान की अनेक शिकायतें मिली हैं, दो बार टीम पहुंची भी पर ऐसा कुछ नहीं मिला, फिर भी अलग अलग शिकायत आने पर अंदेशा यह जरूर था कि कुछ तो जरूर गड़बड़ है। यहां तीसरी बार टीम पहुंची और 6 बोतलें सिग्नेचर शराब की मिलावटी जब्त हुई हैं। इन बोतलों में कुछ तकनीकी जुगाड़ का प्रयोग कर इनसे कुछ शराब निकाल पानी मिक्स कर फूल दाम पर बेचा जा रहा था।
श्री भगत ने बताया कि जब्त बोतलों के भीतर भरी शराब को हाईड्रोमीटर-थर्मामीटर यंत्र से क्वालिटी मापी गयी तो परिणाम चौकाने वाले थे। प्रीमियम अंग्रेजी शराब दुकान के सुपरवाइजर मयूर कावले, दो सेल्समेन और एक सहायक स्टाफ को तत्काल प्रभाव से ब्लैक लिस्ट कर अग्रिम कार्रवाई के लिए जिला आबकारी विभाग के सुपुर्द किया गया है। शराब की शुद्धता को हाईड्रोमीटर-थर्मामीटर के माध्यम से मापा जाता है। जब शराब अमानक मिलती है तो थर्मामीटर एक निश्चित डिग्री से ऊपर आ जाता है। इससे शराब की शुद्धता सामने आ जाती है। इसके लिए एक सील पैक बॉटल का इस्तेमाल किया जाता है।
जानकारों ने बताया कि ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की बॉटल में सील बेहद कमजोर रहती है, इससे जानकार आसानी से सील निकाल लेते हैं। शराब निकालने के बाद उसमें पानी मिलाकर फिर से सेम टू सेम पैक कर देते हैं। कई शराब प्रेमियों का मानना है कि अक्सर देखने को मिलता है कि कई शराब की बोतलों में बहुत कम नशा चढ़ता है। इससे साफ जाहिर होता है कि उसमें पानी मिला है। कुछ ऐसे ही एक्सपीरियंस्ड लोग लगातार भिलाई की प्रीमियम शराब दुकानों की तथा सप्लायर कंपनियों की आनलाईन शिकायत करते रहे हैं। छापा मार सूचना लीक हो जाती है या फिर इत्तेफाकन उस समय ऐसा गड़बड़झाला सामने नहीं आ पाता लेकिन महंगी शराब में पानी मिलाने का खेल बहुत पुराना है।
आपको बता दें कि सरकारी शराब दुकान में गड़बड़ी किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने लायक नहीं मानी गई जरूर है मगर जब आबकारी विभाग की क्षेत्रीय अधिकारी से फोन पर इस तरह की कोई कार्रवाई होने के संबंध में जानकारी चाही गई तो पहले उन्होंने साफ इंकार कर दिया कि कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई। बाद में फोन कर उन्होंने माना कि उड़नदस्ता ने कार्रवाई की है इसलिए विस्तृत जानकारी वो ही दे सकते हैं। गौरतलब हो कि कार्रवाई भले उड़नदस्ता ने की मगर मामला अग्रिम कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों के पास ही आया है फिर भी इस मामले में किसे बचाने या कार्रवाई को छिपा कर किसे नफा पहुंचाया जा रहा, यह जांच का विषय हो सकता है।
देश में देसी शराब में मिलावट आम बात है लेकिन जब महंगी शराब में भी मिलावट के मामले सामने आएं तो यह शराब शौकीन ग्राहकों के लिए चिंताजनक जरूर है। साथ ही ऐसी मिलावटखोरी महंगे ब्रैंड्स की साख पर भी बट्टा लगाने जैसा ही है। हालांकि क्वालिटी को लेकर शिकायतें तो शराब सप्लायर कंपनियों के खिलाफ भी आबकारी विभाग को मिलने की खबरें काफी दिनों से आ रही हैं, देखना यह है कि उन पर कब नकेल कसी जाएगी।
ब्रांडेड शराब कंपनियां मिलावट की इस समस्या से निपटने के लिए अब हाई तकनीक का सहारा ले रही हैं, कुछ कंपनियों ने ऐसा पक्का इंतजाम किया है कि महंगी शराब में कोई मिलावट न हो पाए।