Durg News-दुर्ग निगम चुनाव : ठगड़ा डैम घोटाले से घिरी कांग्रेस, भ्रष्टाचार के आरोपों से गरमाई राजनीति…अवैध मुरुम खुदाई और परिवहन के मुद्दे ने पकड़ा तूल…भाजपा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप…जानिए क्या है ठगड़ा डैम घोटाला

 

दुर्ग । नगर निगम चुनाव की सरगर्मियों के बीच ठगड़ा डैम से अवैध मुरूम खुदाई और परिवहन का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। निगम में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है । भाजपा का आरोप है कि पिछले पांच साल में नगर निगम की शहरी सरकार ने लापरवाही और भ्रष्टाचार की सभी हदें पार कर दीं। है। 16 करोड़ रुपये की लागत से ठगड़ा डैम में सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य शहर के प्रमुख आकर्षण स्थल को निखार कर स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान करना था। इस परियोजना पर काम शुरू भी किया गया, लेकिन जिस कार्य को एक वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए था, उसे पूरा करने में निगम को पूरे चार साल लग गए।

महापौर धीरज बाकलीवाल पर इस परियोजना में भ्रष्टाचार के सीधे आरोप लगे हैं। आरोप है कि उनके कार्यकाल में ठगड़ा डैम सौंदर्यीकरण का काम अपने खास लोगों को दिलाने का प्रबंध किया गया, जिससे विकास कार्य में देरी होने के साथ-साथ, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग भी हुआ। डैम की मुरम निकालकर बिल्डर्स से अपनी जेबें भरी जो सीधे तौर पर महापौर धीरज बाकलीवाल से जुड़े हुए थे। नियमानुसार, सरकार को मुरूम खुदाई और परिवहन से मिलने वाले राजस्व का उपयोग शहर के विकास कार्यों में किया जाना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस सरकार में बैठे नेताओं और अधिकारियों ने इसे अपनी निजी संपत्ति बनाने का जरिया बना लिया।

भाजपा नेताओं का दावा है कि कांग्रेस से जुड़े प्रभावशाली कालोनाइजरों को नगर निगम के अधिकारियों का सीधा संरक्षण प्राप्त था, जिसके चलते ठगड़ा डैम से अवैध रूप से मुरूम निकाला गया और निजी कॉलोनियों में बेचा गया। भाजपा ने कहा कि यह मामला कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का एक और काला अध्याय है। विपक्षी नेताओं का मानना है कि नगर निगम प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के माध्यम से जनता के भरोसे को धोखा दिया है, क्योंकि समय पर काम पूरा न होने से न केवल परियोजना की गुणवत्ता पर असर पड़ा है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी हुआ है।

इस परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत बताया जा रहा है कि परियोजना के ठेका अपने करीबी लोगों को दिए गए, जिससे गुणवत्ता और कार्य निष्पादन में घटिया काम हुआ। नगर निगम के अधिकारियों ने परियोजना की शुरुआत में ही भारी वायदे किए थे, लेकिन महापौर धीरज बाकलीवाल के कार्यकाल में जनता को केवल देरी और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा। आरोपियों का कहना है कि यदि सही समय पर काम होता और योग्य ठेकेदारों का चयन होता, तो ठगड़ा डैम का सौंदर्यीकरण एक साल में ही पूर्ण हो जाता और शहर का विकास नए आयाम पर पहुँच जाता।

भाजपा ने बनाया चुनावी मुद्दा

विपक्षी दल इस मुद्दे को आगामी नगर निगम चुनाव का एक निर्णायक मुद्दा बना रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने टिप्पणी करते हुए कहा, “जब तक भ्रष्टाचार की जड़ें जड़ से उखाड़ नहीं ली जाती, तब तक जनता को विकास की सही सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी। कांग्रेस सरकार ने ठगड़ा डैम परियोजना में अपने करीबी लोगों को काम दिला कर सार्वजनिक धन का लूट किया है।” उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि यदि सत्ता में बदलाव हुआ तो ऐसी भ्रष्टाचार की घटनाओं की सख्त जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों को जेल भेजेगी और अवैध रूप से निकाली गई मुरूम की भरपाई कर शहर के विकास कार्यों को गति देगी।

शहरवासियों में भारी आक्रोश

दुर्ग के आम नागरिक भी इस मामले पर बेहद नाराज हैं। कई लोगों का कहना है कि इस परियोजना में हुई देरी और भ्रष्टाचार ने शहर के विकास को ठेस पहुंचाई है। आगामी नगर निगम चुनाव में यह मुद्दा निश्चित रूप से चर्चा में रहेगा और जनता यह तय करेगी कि क्या वे ऐसे भ्रष्टाचार के खिलाफ बदलाव के पक्ष में अपनी मतदान शक्ति का प्रयोग करेंगे।द

चुनाव में डाल सकता है बड़ा असर

ठगड़ा डैम से जुड़ा यह मामला अब चुनावी मुद्दा बन चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नगर निगम चुनाव में यह घोटाला बड़ा असर डाल सकता है और कांग्रेस को जनता के तीखे सवालों का सामना करना पड़ सकता है। चुनावी मंचों से लेकर जनता के बीच यह बहस का विषय बना हुआ है कि शहर का पैसा किसकी जेब में गया और किसने विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दिया।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता कांग्रेस की सफाई को स्वीकार करती है या भाजपा के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को समर्थन देकर सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है। आगामी चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि जनता किसे अपना सच्चा हितैषी मानती है।

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