Big News- हलचल तेज…एससी रिजर्वेशन कोटे से मुक्त हो जाएगा चरोदा निगम मेयर पोस्ट…प्रदेश में रिसाली निगम में एससी वर्ग की सबसे ज्यादा आबादी…इसलिए रिसाली होगा आरक्षित ?…जल्द होगी आरक्षण की प्रक्रिया…आंकड़ों में पढ़िए पूरी खबर
डीके साहू
(भिलाई न्यूज विशेष) भिलाई – चरोदा नगर निगम के आगामी चुनाव में महापौर पद का आरक्षण अनुसूचित जाति वर्ग से मुक्त हो जाएगा। अजा वर्ग जातिगत आंकड़ा प्रदेश के पूरे 14 नगर निगम में से अधिक होने से इस बार रिसाली निगम का महापौर पद अजा वर्ग के लिए आरक्षित होने की प्रबल संभावना है। आगामी दिनों में सभी नगर निगम के महापौर पद का एक साथ होने वाले आरक्षण प्रक्रिया को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
पिछले चुनाव में रिसाली नगर निगम का महापौर पद अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ है। लेकिन आगामी चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होने की प्रबल संभावना उभर आई है। ऐसा इस निगम क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग की बहुलता से होने की उम्मीद है। ऐसा होने की स्थिति में जिले के भिलाई-चरोदा नगर निगम का महापौर पद अनुसूचित जाति से मुक्त हो जाएगा। रिसाली नगर निगम के अस्तित्व में आने और यहां के आबादी के आंकड़ों के आधार पर पिछले चुनाव के दौरान ही भिलाई-चरोदा महापौर पद का आरक्षण बदलने की पूरी संभावना बन गई थी। लेकिन रिसाली नगर निगम गठित होने से पहले ही बाकी के 13 नगर निगम के साथ ही भिलाई – चरोदा नगर निगम का महापौर पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तय कर लिया गया था। इसलिए भिलाई – चरोदा से अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी अधिक होने के बावजूद रिसाली को जातिगत आरक्षण से मुक्त रख कर चुनाव कराया गया।
इस बार नगर निगम चुनाव वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही होना है। ऐसे में अनुसूचित जाति वर्ग के आबादी का आंकड़ा यथावत रहेगा। भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र की कुल आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 98 हजार 8 है। जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग 15 हजार 420 है। इस तरह भिलाई-चरोदा में अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी 15.73 प्रतिशत है। दूसरी तरफ नवगठित रिसाली नगर निगम की कुल आबादी 1 लाख 8 हजार 838 में से अनुसूचित जाति की संख्या 19 हजार 73 है। जिसका प्रतिशत 17.52 होने से भिलाई-चरोदा से अधिक है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित रायगढ़ नगर निगम में अनुसूचित जाति वर्ग के आबादी का प्रतिशत 16.35 है। यह भिलाई-चरोदा से अधिक और रिसाली से कम है। ऐसे में प्रदेश के स्तर पर दो नगर निगम के महापौर पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए जाने की स्थिति में आबादी के आंकड़े को देखते हुए वरीयता के पहले क्रम में 17.52 प्रतिशत के साथ रिसाली तथा दूसरे क्रम में 16.35 प्रतिशत के साथ रायगढ़ नगर निगम रहेगा। इस तरह अनुसूचित जाति वर्ग के आबादी की वरीयता क्रम में 15.73 प्रतिशत के साथ तीसरे क्रम में रहने से भिलाई-चरोदा महापौर का पद मौजूदा आरक्षण से मुक्त हो जाएगा।
गौरतलब है कि महापौर पद का जातिगत आरक्षण वहां उस वर्ग के आबादी के औसत अनुसार किया जाता है। पहले प्रदेश में 13 नगर निगमों में से दो का महापौर पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित था। इसमें वरीयता क्रम में रायगढ़ व भिलाई-चरोदा को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। अब रिसाली नगर निगम के अस्तित्व में आने से प्रदेश में कुल 14 नगर निगम हो गए हैं। बावजूद इसके नियमों के तहत प्रदेश में दो ही निगम का महापौर अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा। इस लिहाज से रिसाली और रायगढ़ निगम का महापौर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो जाने से भिलाई-चरोदा निगम जातिगत आरक्षण से मुक्त हो जाएगा।
नगर निगम भिलाई-चरोदा का गठन होने के बाद महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से सामान्य व पिछड़ा वर्ग में निराशा छा गई थी। लेकिन रिसाली नगर निगम में अनुसूचित जाति की आबादी का आंकड़ा भिलाई-चरोदा से अधिक होने का पता चलते ही निराशा भरे बादल छंटने की उम्मीद से सामान्य व पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक शख्सियतों में खुशी छिपाये नहीं छिप रही है। भिलाई चरोदा निगम, अहिवारा विधानसभा का हिस्सा है और महापौर के साथ ही विधायक का पद भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहने से सामान्य व पिछड़ा वर्ग को राजनीति का बेहतर मंच नहीं मिलने से निराशा का भाव बना हुआ है। ऐसे में महापौर पद अनुसूचित जाति के आरक्षण से मुक्त हो जाने पर नया राजनीतिक समीकरण बनेगा।