Big Politics News- नामांकन फार्म लेने वाले नेताओं पर दोनों दलों की गुप्त नजर… इधर भाजपा कांग्रेस से इतर दूसरी पार्टी के लोग तलाश रहे हैं प्रत्याशी…चुनाव चिन्ह लेकर घूम रहे पार्टियों को चुनाव लड़ने के लिए नेता की तलाश…पहले दिन 28 लोगों ने लिया नामांकन फार्म

 Big Politics News- नामांकन फार्म लेने वाले नेताओं पर दोनों दलों की गुप्त नजर… इधर भाजपा कांग्रेस से इतर दूसरी पार्टी के लोग तलाश रहे हैं प्रत्याशी…चुनाव चिन्ह लेकर घूम रहे पार्टियों को चुनाव लड़ने के लिए नेता की तलाश…पहले दिन 28 लोगों ने लिया नामांकन फार्म

 

शेखर देवांगन

भिलाई । एक तरफ भाजपा-कांग्रेस में टिकट को लेकर मारामारी चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ एेसी पार्टी है जो भाजपा कांग्रेस से नाराज लोगों पर नजर जमाए हुए हैं, उन्हें चुनाव लड़वाने के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। भाजपा कांग्रेस में जिसे टिकट नहीं मिला वह अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इन तमाम कवायदों के बीच नामांकन की भी तारीख आ गई। बहुत से लोगों ने नामांकन फार्म ले लिया। वहीं चुनाव चिन्ह लेकर घूम रहे कुछ राजनीतिक दल नामांकन फार्म लेने वालों पर नजर बनाए हुए हैं, वह नामांकन फार्म लेने वालों से संपर्क साधने की कोशिश में जुटे हैं, ताकि वह उनकी पार्टी से चुनाव लड़ ले।

बता दें कि दुर्ग जिले में 21 अक्टूबर से नामांकन लेने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई। शनिवार को कुल 28 लोगों ने नामांकन फार्म लिया। इसमें एेसे लोग शामिल है, जिनको पार्टी ने अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं टिकट ना मिलने से नाराज बहुत से लोगों ने नामांकन ले लिया है। चुनाव के पहले बहुत सी राजनीतिक पार्टियों ने अपना पंजीयन करा लिया है। उनको चुनाव चिन्ह भी आवंटित हो गया है, पर उन्हें प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। एेसे राजनीतिक दलों न ेनामांकन लेने वालों पर नजर रखना शुरू कर दिया है। नामांकन लेने के साथ ही संभावित प्रत्याशी के तौर पर टटोलना भी शुरू कर दिया है। शनिवार को जिन प्रमुख प्रत्याशियों ने नामांकन फार्म लिया उसमें भिलाई भाजपा के प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पाण्डेय, कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव, दुर्ग ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहूअहिवारा के भाजपा प्रत्याशी डोमन लाल कोर्सेवाड़ा का नाम शामिल है।

नामांकन फार्म लेने वालों की मंशा के बारे में बताया जा रहा है कि उन्हें पार्टी के नेता मान मनौव्वल कर नामांकन फार्म वापस करने के लिए मना लेंगे। इसके लिए कुछ शर्ते भी होंगी। वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि एेसे लोग या तो वोट कटवा की भूमिका निभाने के लिए निर्दलीय लड़ सकते हैं, या फिर वोट काटने के लिए किसी राजनीतिक दल का प्रत्याशी बन सकते हैंं। इधर भाजपा और कांग्रेस के लोगों की भी एेसे लोगों पर नजर हैं। वह भी इस बात का आंकलन कर रहे हैं कि फलां व्यक्ति निर्दलीय या फिर किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा तो कितना नुकसान पहुंचा सकता है, वह भाजपा का वोट ज्यादा काटेगा या फिर कांग्रेस का। नाम वापसी के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि चुनाव मैदान में कितने प्रत्याशी रह गए हैं।

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