Bhilai News-प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर को सुनने उमड़े लोग- देवकीनंदन ने कहा विदेश नहीं देश को ही बनाएं कर्मस्थली, बच्चों को भगवत कथा में लाएं, ताकि बन सके संस्कारी..2 नवंबर तक चलेगा भवगत कथा

 Bhilai News-प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर को सुनने उमड़े लोग- देवकीनंदन ने कहा विदेश नहीं देश को ही बनाएं कर्मस्थली, बच्चों को भगवत कथा में लाएं, ताकि बन सके संस्कारी..2 नवंबर तक चलेगा भवगत कथा

 

भिलाई । सिविक सेंटर भिलाई में आयोजित सात दिवसीय भगवत कथा के पहले दिन कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भले दो पैसा कम मिले, पर विदेश के बजाए देश को ही कर्म स्थली बनाए। इससे देश का मान सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हर माता पिता बच्चों को भगवत कथा सुनने जरुर लाए। भगवत कथा सुनकर बच्चे संस्कारिक बनेंगे, माता पिता की सेवा करेंगे।

भागवत कथा के प्रथम दिवस देवकीनंदन ठाकुर ने कथा के प्रथम अध्याय का प्रारंभ करते हुए कहा कि देवराज इंद्र को भी भागवत कथा सुनने को सौभाग्य प्राप्त नहीं हो सका था। भगवत कथा सुनने के लिए देवता भी तरसते आए हैं। यह भिलाईवासियों का सौभाग्य है कि उन्हें भगवत कथा सुनने को मिल रहा है। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि आप सभी भिलाई ,छत्तीसगढ़ वासियों को भागवत कथा सुनने का अवसर मिल रहा है । उन्होंने आयोजन की भी जमकर प्रसंशा करते हुए कहा कि इस सुंदर व्यवस्थित आयोजन के लिए दिव्य ज्योति सेवा समिति को बधाई । साथ ही उन्होंने समिति के सदस्यों को आशीर्वाद दिया।

देवकीनंदन ठाकुर ने अपने धर्म संस्कृति को भारतीय संस्कृति के अनुरूप मानने की बात की। साथ बच्चो को अपने संस्कृति के बारे में जानने के लिए भागवत कथा में अपने साथ लाने के लिए आग्रह किया। कहा कि मानव जीवन में हम सब को माता पिता , देश धर्म अपनी संस्कृति सेवा करनी चाहिए। कुछ पैसा कमाने के लिए देश छोड़कर विदेश जाने वालों के लिए कहा कि विदेश नहीं अपने देश पर ही कार्य को प्राथमिकता दें। चाहे दो पैसा कम मिले जिससे अपने देश का मान सम्मान परिवार का मेल मिलाप बना रहेगा, और परिवारिक जीवन सुखमय होगा।

बता दें कि दिव्य जीवन ज्योति समिति द्वारा भिलाई में सात दिवसीय भगवत कथा का भव्य आयोजन कराया जा रहा है। आयोजन के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को कलश यात्रा का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई थी। भगवत कथा के पहले दिन महिलाओं की बड़ी भीड़ देखने को मिली। वहीं समिति द्वारा श्रोताओं की भीड़ देखते हुए चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।

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