Big News-दो साल से सुपेला भिलाई में रह रही बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार…महिला का आधार कार्ड व नाम भी फर्जी निकला…बिना पुलिस वेरिफिकेशन के घर किराए पर देने वाला मकानन मालिक भी गिरफ्तार…दुर्ग स्पेशल टास्क फोर्स की बड़ी कार्रवाई…जानिए आठ साल पहले कैसे आई भारत, पढ़िए दुर्ग एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस में क्या कहा

 Big News-दो साल से सुपेला भिलाई में रह रही बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार…महिला का आधार कार्ड व नाम भी फर्जी निकला…बिना पुलिस वेरिफिकेशन के घर किराए पर देने वाला मकानन मालिक भी गिरफ्तार…दुर्ग स्पेशल टास्क फोर्स की बड़ी कार्रवाई…जानिए आठ साल पहले कैसे आई भारत, पढ़िए दुर्ग एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस में क्या कहा

 

 

भिलाई। स्पेशल टास्क फोर्स ने बीते दो साल से अवैध तरीके से रह रही बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के घर किराए से देने वाले मकान मालिक को भी पकड़ा गया है। महिला का आधार कार्ड और नाम फर्जी पाया गया। दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल ने गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रुम सेक्टर-6 भिलाई में प्रेस कांफ्रेंस लेकर पूरे मामले का खुलासा किया।

पुलिस ने बताया कि महिला दूसरे के घरों पर काम करती थी। आईआईएमएमओ (IIMMO) एप से परिजनों से बातचीत करती थी। इस एप की विशेषता है, इसमें नंबर डिस्प्ले नहीं होते हैं। यहां से कमाए पैसों को अपने परिचित के जरिए परिवार को बांग्लादेश भेजती थी। यह मामला सुपेला थाना इलाके का है।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि, अवैध अप्रवासियों को पकड़ने के लिए भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है। जांच के दौरान पता चला कि, सुपेला नेहरू रोड पर एक बांग्लादेशी महिला किराए पर सूरज साव का मकान ले रखी है।

जब उसने दस्तावेज का इस्तेमाल शासकीय अस्पताल में इलाज के लिए दिया, तब पुलिस अलर्ट हुई। महिला से पूछताछ में पता चला कि, उसका असली नाम पन्ना बीबी है, लेकिन भिलाई में अंजली सिंह उर्फ काकोली घोष के नाम से रह रही थी। उसने अपना फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लिया था।

पन्ना बीबी के खिलाफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 2023 विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1946 और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने उसे किराए से देने वाले मकान मालिक सूरज साव को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जानिए कैसे पहुंची भारत

पन्ना बीबी उर्फ काकोली घोष ने पूछताछ में बताया कि, उसने अवैध पासपोर्ट और वीजा तैयार कर 8 साल पहले बांग्लादेश से उत्तर प्रदेश के बनगांव पेट्रापोल जिला और पश्चिम बंगाल स्थित बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर को पार कर अवैध रूप से भारत पहुंची थी।

काकोली घोष भारत पहुंचने के बाद 5 साल तक पश्चिम बंगाल के सोनागाछी में थी। इसके बाद दिल्ली आई। एक साल तक दिल्ली में रहने के बाद अपनी सहेली पूजा के साथ भिलाई आ गई। यहां पिछले करीब 2 सालों से सूरज साव के मकान में रह रही थी।

भिलाई से काम के बदले मिले पैसों को समय-समय पर अपने घर बांग्लादेश भेजती थी। इसके लिए पहले पैसे कोलकाता पश्चिम बंगाल अपने परिचित के पास भेजती थी। इसके बाद वो युवक उन पैसों को उसके परिवार वालों तक पहुंचाता था।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि, काकोली किस तरह बांग्लादेश से भारत पहुंची, उसमें किन लोगों का इन्वॉल्वमेंट है। उसका फर्जी आधार कार्ड किसने बनाया। इन सबकी पुलिस जांच करेगी। इस पर कार्रवाई करने के लिए संबंधित एजेंसियों को पत्र लिखा जाएगा।

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