Crime News-एक अनैतिक प्रेम संबंध…छह माह से रहस्यमढंग से लापता एक इंसान… पांच फिट गहरा गड्ढा…छह माह की खामोशी…एक इनपुट ने खोल दिया कत्ल का सारा राज, प्रेमी प्रेमिका गिरफ्तार, फरार सास की तलाश जारी….पढ़िए क्राइम की सनसनीखेज वारदात

 Crime News-एक अनैतिक प्रेम संबंध…छह माह से रहस्यमढंग से लापता एक इंसान… पांच फिट गहरा गड्ढा…छह माह की खामोशी…एक इनपुट ने खोल दिया कत्ल का सारा राज, प्रेमी प्रेमिका गिरफ्तार, फरार सास की तलाश जारी….पढ़िए क्राइम की सनसनीखेज वारदात

 

भिलाई। 40 साल का यूपेश चंद्राकर अपनी 35 वर्षीय पत्नी देविका और बच्चों के साथ खुश था। तभी उनकी जिंदगी में एक मुकुंद त्रिपाठी नामक तूफान आया, और सबकुछ उड़ा ले गया।

कहानी महासमुंद जिले की बिरकोनी की है। जो महासमुंद से 12 किलोमीटर दूर है। थाना क्षेत्र सीटी कोतवाली ही है। कहानी को समझने के लिए सात माह पीछे चलते हैं। दिसंबर का महीना। युपेश चंद्राकर अपनी शिक्षिका पत्नी देविका और बच्चे के साथ बिरकोनी स्थित लोलवानी गली में रहा करता था। सब कुछ ठीक चल रहा था। तभी उसी जगह पर एक ज्योतिष किराया पर रहने आया। नाम मुकुंद त्रिपाठी। मुकुंद लालवानी गली में रहता था, ज्योति का कार्य वह लोहानी बिल्डिंग में करता था।

14 दिसंबर 2023 को शिक्षिका देविका चंद्राकर सिटी कोतवाली थाने पहुंचती है। पुलिस को बताती है कि उसका पति युपेश चंद्राकर बीते 8 दिसंबर से घर नहीं लौटा है। पुलिस गुम इंसान का मामला दर्ज करती है, और युपेश की तलाश शुरू करती है। वक्त बीतने लगता है, पुलिस को युपेश के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। इधर परिवार में भी खामोशी। एक बार गुम इंसान का मामला दर्ज कराने के बाद देविका दोबारा कभी थाने नहीं जाती, इस बात पर पुलिस को संदेह होता है।

इधर युपेश चंद्राकर का भाई मनीष चंद्राकर लगातार पुलिस के संपर्क में रहता। वह पुलिस से अपने भाई को ढूंढने की गुहार लगाता है। यही बात पुलिस को खटकती है, कि भाई लगातार पुलिस के संपर्क में है, और पत्नी एक बार गुम इंसान का मामला दर्ज कराने के बाद कभी लौटकर थाने नहीं आई।

पुलिस जांच का दायरा बढ़ाती है। जांच का एंगल बदलती है। अब देविका का मोबाइल नंबर ट्रेस किया जाता है, साथ ही देविका के घर के आसपास रहने वाले लोगों का बयान भी लिया जाता है। इससे पुलिस को दो इनपुट मिलता है। एक तो यह कि देविका और ज्योतिष का काम करने वाले मुकुंद त्रिपाठी के साथ लंबी लंबी बात होती है। दूसरा लालवानी गली में रहने वाला एक युवक योगेश दीवान पुलिस को बताता है कि उसने 8 या 9 दिसंबर की रात ज्योतिष मुकुंद त्रिपाठी को एक बड़ा सा पेटी अपने घर ले जाते देखा था। पुलिस का संदेह गहराता है।

सिटी कोतवाली महासमुंद पुलिस इसी एंगल से जांच शुरू करती है। मुकुंद को उठाया जाता है। उससे पूछताछ की जाती है। वह लगातार पुलिस को गुमराह करता है, बाद में टूट जाता है। उसके इकबालिया बयान से जो कहानी सामने आती है, उससे न केवल महासमुंद अलबत्ता पूरा छत्तीसगढ़ दहल जाता है।

मुकुंद त्रिपाठी पुलिस को बताता है कि वह युपेश के घर के बगल में किराया पर रहता है। इस दौरान युपेश की पत्नी देविका के साथ उसका प्रेम संबंध हो जाता है। प्रेम संबंंध शारीरिक संबंध में बदल जाता है। इस बात की भनक देविका के पति युपेश को लग जाती है। एक दिन वह देविका को मुकुंद के कमरे से निकलते भी देख लेता है।

मुकुंद के हवाले से महासमुंद पुलिस ने बताया कि दूसरे दिन देविका और उसकी मां अंजलि चंद्राकर मुकुंद को आकर बताते हैं कि युपेश गाली गलौच कर रहा था, इसलिए उसने डंडे से उसके सिर पर मार दिया। धक्का दिया। उसके बाद से उसकी सांसे नहीं चल रही है। तीनों युपेश को पलंग पर लिटा देते हैं। उसके बाद देविका अपनी बेटी को लेने स्कूल चली जाती है। इधर मुकुंद युपेश की लाश को खींचकर अपने कमरे में लाता है। लाश को उकड़ू बैठाता है। प्लास्टिक से लाश को तीन लेयर में लपेटता है। नायलोन की रस्सी व प्लास्टिक वह महासमुंद के ही पारख दुकान से खरीद लाया था।

लाश को लपेटने के बाद उसी बोरी में बंद कर देता है। फिर देविका को फोन कर बताता है कि काम हो गया है। उसी रात वह एक बड़ी सी पेटी खरीदकर लाता है। लाश को पेटी में बंद कर देता है।

10 दिसंबर को वह एक रिक्शा किराए पर करता है। पेटी को रिक्शे में लेकर लोहानी बिल्डिंग स्थित अपने आफिस पहुंचता है। लोहानी बिल्डिंग के पास ही कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। वहां से वह फावड़ा, गैती, सब्बल उठाकर अपने आफिस में रख देता है। ताला बंदकर अपने कमरे में लौट आता है। रात होने का इंतजार करने लगता है।

रात होते ही मुकुंद अपने आफिस पहुंचता है। थोड़ी देर बाद देविका और उसकी मां भी पहुंचते ही। तीनों मिलकर पांच फिट का गड्ढा करते हैं। मुकुंद की लाश को गड्ढे में दफना दिया जाता है। बाजार से पहले से खरीदकर लाए गए नामक को भी गड्ढे में डाल दिया जाता है। उसके बाद तीनों वापस आ जाते हैं।

दूसरे दिन मुकुंद गड्ढे को ऊपर फर्श बिछाता है, और सीमेंट से अच्छे से कवर कर देता है, ताकि किसी को पता ना चले कि यहां गड्ढा खोदा गया था।

मुकुंद के इकबालिया बयान और निशानदेही के बाद पुलिस लोहानी बिल्डिंग पहुंचती है। गड्ढा खोदकर लाश रिकवर करती है। युपेश की लाश 40 प्रतिशत तक डिस्पोज हो चुकी थी। लाश पोस्टमार्टम के लिए महासमुंद जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। पुलिस मुकुंद और देविका को गिरफ्तार कर लेती है, देविका की मां यानी युपेश की सास फरार बताई जा रही है। महासमुंद पुलिस ने पत्रवार्ता के माध्यम से इस पूरी घटना का खुलासा किया।

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