Crime Story- 50 की उम्र पार महिला…68 साल का आशिक…55 साल का कातिल…एक खतरनाक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत

 Crime Story- 50 की उम्र पार महिला…68 साल का आशिक…55 साल का कातिल…एक खतरनाक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत

डीके साहू

भिलाई । तीन बुजुर्गों के बीच की एक अजीबो-गरीब प्रेम कहानी…अमर प्रेम कथा। चर्चा पूरे गांव में। नवयुवक इस प्रेम कहानी का मजा लिया करते थे, पर एक दिन इस प्रेम कहानी का अंत दिल दहला देने वाला था। कातिल ने अपनी महबूबा के लिए दूसरे आशिक का सिर काट दिया। मृतक का कटा सिर लेकर वह पूरे गांव में दहशत फैलाता रहा। इस दर्दनाक प्रेम कहानी में कातिल जहां 55 साल का था, वहीं मरने वाले आशिक की उम्र 68 साल और जिसके लिए यह मौत का तमाशा हुआ वह भी 50 पार थी।

26 मई 1999 की सुबह… छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा का एक गांव। गांव के चबूतरे पर अखबार बांच रहे 68 वर्षीय भूरेलाल चंद्राकर को कतई भान नहीं था कि यह सुबह उसके जीवन की आखिरी सुबह होगी… मौत चुपके से दस्तक देने वाली है। दबे पांव..। वह इत्मीनान से किसी खबर पर नजरें गड़ाए बैठा था। तभी घड़… टंगिए के तेज वार से उसका सिर धड़ से अलग हो गया। धड़ काफी देर तक उसी हालत में रहा… फिर चबूतरे से नीचे गिरकर तड़पने लगा। देखने वाले अवाक… आंखे फटी की फटी रह गई। वह विभत्स नजारा था। मौके पर चीख पुकार मच गई। लोग यहां-वहां भागने लगे। एक शख्स खून आलूदा टगिया लिए वहीं खड़ा रहा। उसका चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ था। वह शख्स गांव का ही बाबूलाल चंद्राकर था। उम्र 55 साल। बाबूलाल ने इत्मीनान से भूरेलाल की लाश को घूरा। सिर को हाथ में लिया,

और पूरे गांव में घूमने लगा। कटा सिर देखकर गांव में दहशत फैल गई। बच्चे भयभीत। कई महिलाएं तो गश खाकर गिर पड़ी। ऐसा नजारा शायद ही कभी किसी ने देखा हो…। बाबूलाल पूरे गांव में कटा सिर लेकर घूमने के बाद उस महिला के घर पहुंचा, जिससे वह कथित तौर पर मोहब्चत करता था और उसी से प्यार करने का दावा मृतक भी किया करता था। बाबूलाल ने भूरेलाल का कटा सिर महिला के घर पर लुढ़का दिया। महिला चीखते हुए घर के बाहर भागी। बाबूलाल वहां से सीधे अपने घर पहुंचा। सल्फास की गोली खाई और सदा के लिए सो गया।

गांव का कोतवाल भागकर पाटन थाने पहुंचा। उसने घटना की जानकारी दी। पुलिस भी सन्न रह गई। कोतवाल ने पुलिस से यह भी कहा कि बाबूलाल भूरेलाल की हत्या करने के बाद उसका कटा सिर लेकर कही चला गया। पाटन थाने के तत्कालीन प्रभारी आरके जोशी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। चौक पर भूरेलाल का धड़ पड़ा था। चारो तरफ खून बिखरा हुआ था। चौक पर सन्नाटा पसरा हुआ था। बेहद खामोशी। पुलिस महिला के घर पहुंची। वहां से भूरेलाल का सिर बरामद किया। तभी पुलिस को पता चला कि घटना को अंजाम देने वाला बाबूलाल भी नहीं रहा। उसने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली।

बाबूलाल की लाश उसके घर के चबूतरे पर पड़ी थी। दोनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए दुर्ग भेज दिया गया। पीएम रिपोर्ट में बाबूलाल की मौत की वजह सल्फास खाने से बताया गया।

दो मौतों से गांव समेत आसपास के गांव खासी दहशत फैल गई। लोगों को घटना आज भी याद है। वह दहशत भरा दिन था। पुलिस ने जांच शुरू की। पाया कि भूरेलाल मजाकिया किस्स का व्यक्ति था। वह गांव की एक 50 पार महिला से प्यार करता था। उसी महिला से बाबूलाल भी प्यार करने लगा था। इस बात को लेकर भूरेलाल च बाबूलाल में अक्सर बहस होती थी। दरअसल बाबूलाल को यकीन नहीं था कि वह महिला भी भूरेलाल को चाहती है। भूरेलाल ने बाबूलाल को चेलेंज किया था कि वह सबूत दिखा देगा। भूरेलाल ने सबूत भी दिखा दिया, फिर क्या था बाबूलाल का पार चढ़ गया। उसने भूरेलाल को सिर काटकर महिला को भेंट चढ़ा दिया। साथ ही यह बताने की कोशिश की कि वह उसका सबसे बड़ा आशिक है। पर उसने भूरेलाल की हत्या के बाद जहर खाकर इस प्रेम कहानी का अंत कर दिया।

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