Bhilai News- भिलाई इस्पात संयंत्र की सुरक्षा पर गंभीर सवाल, भिलाई इस्पात मजदूर संघ ने दिए 9 महत्वपूर्ण सुझाव…बीएसपी प्रबंधन के साथ हुए संघ के प्रतिनिधियों ने की बैठक…पढ़िए खबर

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर भिलाई इस्पात मजदूर संघ ने संयंत्र प्रबंधन के सामने कई गंभीर मुद्दे उठाए हैं। यूनियन के महामंत्री चन्ना केशवलू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक (सेफ्टी) श्री देवदत्त सत्पथी से मुलाकात कर सुरक्षा से संबधित विषयों को लेकर बैठक की। बैठक करीब 1 घंटे तक चली। जिसमे संघ ने बीएसपी में काम करने वाले सभी अधिकारी कर्मचारी और ठेका मजदूरों की चिंता करते पहल की। लम्बी चर्चा के दौरान संघ ने सुरक्षा से जुड़े 9 बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने की मांग की। इस पर बीएसपी अफसरों ने आश्वासन दिया की वे जल्द ही उच्च अधिकारियो से चर्चा कर पहल करेंगे।
यूनियन द्वारा दिए गए प्रमुख सुरक्षा सुझाव:
1️⃣ मेन गेट के सामने वाहन पार्किंग हटे:
संयंत्र में कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों को लाने वाली गाड़ियों को मेन गेट के सामने ही रोका जाता है, जिससे कर्मचारियों के टकराने और गिरने की घटनाएं हो रही हैं। यूनियन ने मांग की कि गेट के सामने किसी भी वाहन से कर्मचारियों को उतारने पर रोक लगाई जाए। बोरिया गेट के अंदर जनरल ड्यूटी छूटने पर गेट के अंदर ट्रक एवं ट्रैक्टर ट्रॉली खड़ी करने के कारण कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है एवं दुर्घटना होने की संभावना रहती है ।
2️⃣ संयंत्र के सभी स्ट्रक्चरों की सेफ्टी जांच
सभी स्ट्रक्चर का **स्टेबिलिटी टेस्ट (सुरक्षा स्थिरता परीक्षण)** अनिवार्य रूप से कराया जाए ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो।
**3️⃣ जंग लगे स्ट्रक्चर की पेंटिंग:**
संयंत्र के भीतर लोहे के कई हिस्सों में **जंग लगने की शिकायतें** हैं, जिससे उनकी मजबूती पर असर पड़ता है। यूनियन ने सभी ऐसे हिस्सों की **पेंटिंग कराए जाने की मांग** की है।
**4️⃣ डस्ट प्रदूषण से कर्मचारी परेशान:**
**ब्लास्ट फर्नेस, कोक ओवन और सिंटर प्लांट** जैसे विभागों में **अत्यधिक धूल (डस्ट)** उड़ने से कर्मचारियों को सांस लेने में कठिनाई होती है। यूनियन ने कहा कि इन क्षेत्रों में **डस्ट कलेक्टर मशीनें चालू करवाई जाएं।**
**5️⃣ संयंत्र में ओवरलोड वाहनों पर रोक:**
संयंत्र के भीतर **बिना रोकटोक चल रहे ओवरलोड रेत से भरे ट्रकों** पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है।
**6️⃣ ट्रैक्टर से एसिड परिवहन पर रोक:**
संयंत्र परिसर में **ट्रैक्टर के माध्यम से एसिड का परिवहन** गंभीर खतरा बन सकता है। यूनियन ने इसे **तत्काल बंद** करने की मांग की है।
**7️⃣ संयंत्र के भीतरी वाहनों का फिटनेस टेस्ट जरूरी:**
जो वाहन संयंत्र के भीतर ही चलते हैं, **वे बाहर नहीं जाते फिर भी उनका फिटनेस टेस्ट जरूरी** है, ताकि तकनीकी खराबी से दुर्घटनाएं न हों।
**8️⃣ आरटीएस के पास रखे सामान हटाए जाएं:**
**आरटीएस के सामने सड़क किनारे आरईडी विभाग का सामान** रखा हुआ है, जिससे दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। कई बार इस मुद्दे को उठाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
**9️⃣ संयंत्र की सड़कों में जलभराव की समस्या:**
बरसात के समय संयंत्र की कई सड़कों पर **पानी भरने से आवागमन बाधित होता है**। इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की गई।
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यूनियन ने कहा – “सुरक्षा से समझौता नहीं चलेगा”
यूनियन महामंत्री **चन्ना केशवलू** ने बैठक में कहा कि,
> “संयंत्र के भीतर काम करने वाले हजारों श्रमिकों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बार-बार मांग के बावजूद यदि समस्याओं का हल नहीं होता, तो मज़दूर संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।”
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मुख्य महाप्रबंधक सेफ्टी ने दिए आश्वासन
बैठक में **मुख्य महाप्रबंधक (सेफ्टी) श्री देवदत्त सत्पथी** ने सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करने और **सम्भवतानुसार जल्द समाधान** निकालने का आश्वासन दिया।
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यह बैठक संयंत्र के भीतर **श्रमिकों की सुरक्षा और कामकाज की स्थिति सुधारने** के लिए एक अहम कदम मानी जा रही है। उम्मीद है कि संयंत्र प्रबंधन शीघ्र ही इन सुझावों को अमल में लाएगा।
बैठक में संघ की ओर से उपाध्यक्ष आई पी मिश्रा,शारदा गुप्ता,जगजीत सिंह ,संयुक्त महामन्त्री वशिष्ठ वर्मा,प्रदीप पाल,सचिव पूरन लाल साहू उपस्थित थे ।
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