• January 4, 2025

Bhilai News- प्रतिबंध के बाद भी चायनीज मांझा की खरीदी-बिक्री करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने आईजी से की चर्चा…खबर में पढ़िए बेचने वालों पर सजा का क्या प्रावधान, कितनी सजा और कितना जुर्माना

 Bhilai News- प्रतिबंध के बाद भी चायनीज मांझा की खरीदी-बिक्री करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने आईजी से की चर्चा…खबर में पढ़िए बेचने वालों पर सजा का क्या प्रावधान, कितनी सजा और कितना जुर्माना

भिलाई । वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने जानलेवा प्रतिबंधित चाइनीज मांझा की खरीदी बिक्री पर रोक लगाते हुए आईजी दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग से चायनीज मांझा बिक्री करने वाले व्यवसायियों पर कड़ी कार्रवाई विषयक चर्चा की है। उन्होंने क्षेत्र के व्यावसायियों से भी चायनीज मांझा की खरीदी और बिक्री न करने की अपील की है।

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि भिलाई दुर्ग के बाजारों में चायनीज मांझा दस्तक दे चुका है, पतंग उड़ाना देश की परंपरा रही है, लेकिन ऐसे खतरनाक मांझे से पशु-पक्षी और लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। ऐसे हादसों की आशंकावश इस विषय का संज्ञान लेकर दखल की जरूरत पड़ी। एनजीटी ने वर्ष 2017 में इस जानलेवा मांझे की बिक्री पर देश भर में प्रतिबंध लगा दिया था। पीपल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) की अर्जी पर ये आदेश दिया गया था। जिसके बाद मांझा बनाने वाली कंपनियां सुप्रीम कोर्ट गईं, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली थी। चाइनीज मांझे की चपेट में आने से हुई घटनाओं के अधिकतर मामलों में पुलिस कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल करती रही है।

 

श्री सेन ने कहा कि मकर संक्रांति एवं अन्य पर्वों पर चाइनीज मांझे के उपयोग से न केवल पक्षी बड़ी संख्या में घायल होते हैं बल्कि सड़क पर पैदल चलने वाले और दुपहिया वाहन पर चलने वाले राहगीरों का जीवन भी संकट में पड़ जाता है। अमूमन चायनीज मांझे, प्लास्टिक व अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बना मांझा या जहरीले पदार्थ जैसे लोहा, ग्लास इत्यादि के धागों की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है।

आज आईजी दुर्ग रेंज से चर्चा करने के बाद विधायक रिकेश सेन ने बताया कि पुलिस पहले आईपीसी की धारा 188 यानि सरकारी आदेश की अवहेलना के तहत केस दर्ज करती थी। इसमें अधिकतम एक माह की सजा या 200 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते थे। अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) 223 (बी) के तहत केस दर्ज किए जा सकते हैं। इसके तहत एक साल की सजा या पांच हजार रुपये फाइन या दोनों हो सकते हैं। बीएनएस की धारा 223 (ए) में केस दर्ज हो सकता हैं जिसके तहत छह माह कैद या 2500 जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके आलावा पुलिस एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट भी लगा सकती है।

Share

Related post