Big News-भिलाई निगम क्षेत्र में अब ड्रोन से होगा भवनों व जमीनों का जीआईएस सर्वे….भिलाई निगम के एमआईसी ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर ….सभी भवनों में डिजिटल डोर एवं नंबर प्लेट, क्यूआर कोड लगाया जाएगा…आप अपनी संपत्ति व टैक्स की जानकारी आसानी से हासिल कर पाएंगे…जानिए क्या है पूरा सिस्टम

 Big News-भिलाई निगम क्षेत्र में अब ड्रोन से होगा भवनों व जमीनों का जीआईएस सर्वे….भिलाई निगम के एमआईसी ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर ….सभी भवनों में डिजिटल डोर एवं नंबर प्लेट, क्यूआर कोड लगाया जाएगा…आप अपनी संपत्ति व टैक्स की जानकारी आसानी से हासिल कर पाएंगे…जानिए क्या है पूरा सिस्टम

 

भिलाई। निगम भिलाई पूरी तरह से अपडेट होने जा रहा है। अब निगम क्षेत्र के सभी भवन व जमीनों का जीआईएस सर्वे होगा। सभी भवनों, उद्यानों, सार्वजनिक उपयोग की चीजों को इससे जोड़ दिया जाएगा। सभी भवनों में डिजिटल डोर एवं नंबर प्लेट भी लगेगा। भिलाई नगर निगम के एमआईसी ने गुरुवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया।

भिलाई निगम द्वारा अपने भवनों एवं जमीनों का जीआईएस सर्वे ड्रोन के माध्यम से कराए जाने की अनुशंसा महापौर परिषद द्वारा की गई। निगम भिलाई क्षेत्र के आवासीय एवं व्यवसायिक भूमि, भवन, गार्डन, रोड, पानी टंकी, मार्केट, स्कूल, शासकीय भवन इसके माध्यम से जुड़ जाएंगे । जिससे किसी भी भवन की भौगोलिक स्थिति का एक एड्रेस एवं निश्चित जीपीएस लोकेशन के साथ आनलाइन मैप का पता लगाया जा सकता है। निगम क्षेत्र के नागरिकों के मकान, दुकान का संपत्तिकर, जलकर, भू-भाटक आदि करो का वास्तविक सर्वे पारदर्शिता के साथ हो जाएगा।

बताया गया कि जीपीएस के माध्यम से निगम के सभी साफ्टवेयर को इससे जोड़ा जाएगा। जिससे निगम क्षेत्र के किसी भी भवन की पहचान हो जाएगी। और भवन को ढ़ूंढने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सभी भवनों में डिजिटल डोर एवं नंबर प्लेट लगाया जाएगा, जिसमें क्यूआरकोड लगाया जाएगा।

भिलाई निगम आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने विशेष रूचि लेकर इसके लिए अलग से एक सेटअप बनवाया है। दिलीप कुर्वे टेक्निकल टीम के माध्यम से इसकी तैयारी कर रहे हैं। इसके माध्यम से निगम के द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन, सिवरेज सिस्टम का भी मेपिंग हो जाएगा। इन सब से नगर निगम के आय में बढ़होत्तरी होगी। आम नागरिकों को भी इससे सुविधा होगी। उनकी संपत्ति का वास्तविक मूल्यांकन नियमानुसार हो जाएगा।

महापौर नीरज पाल ने कहा कि जीआईएस तकनीक के माध्यम से सभी वार्डो के भवन एवं जमीनों का डेटाबेस तैयार कर साफ्टवेयर एवं एप के माध्यम से नागरिकों को सुविधा प्रदान की जाएगी तथा निगम का काम भी सरल एवं सुगम हो जाएगा।

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