Bhilai News- श्रृंखला यादव हत्याकांड….नाबालिग ने की हत्या, पांच साल तक चला ट्रायल, बालिग होने पर आया 21 साल तक सश्रम कारावास फैसला…पर आरोपी को बाल संरक्षण गृह में ही रखा…बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान, कहा अपराध की प्रवृति गंभीर इसलिए सेंट्रेल जेल भेजा जाए…पढ़िए क्या है पूरा मामला

 Bhilai News- श्रृंखला यादव हत्याकांड….नाबालिग ने की हत्या, पांच साल तक चला ट्रायल, बालिग होने पर आया 21 साल तक सश्रम कारावास फैसला…पर आरोपी को बाल संरक्षण गृह में ही रखा…बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान, कहा अपराध की प्रवृति गंभीर इसलिए सेंट्रेल जेल भेजा जाए…पढ़िए क्या है पूरा मामला

 

भिलाई। 13 जून 2019 की दोपहर मैत्रीकुंज निवासी श्रृंखला यादव की हत्या कर दी गई थी। मौके पर मिले तमाम साक्ष्य व सबूत के आधार पर पुलिस ने एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया था। उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया था। पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया था कि आरोपी श्रृंखला यादव का पीछा करता था। घटना के दिन जब वह अपनी स्कूटी से कोचिंग क्लास जा रही थी, तब सूनसान स्थान पर आरोपी ने उसका रास्ता रोका। उसके सिर पर कुल्हाड़ी जैसे घातक हथियार से वार किया। बुरी तरह से घायल श्रृंखला को सड़क से 500 मीटर दूर घसीटकर छुपा दिया था उसकी स्कूटी भी वहीं शृंखला को छिपाते हुए लगा दिया था।

मामले में खासा बवाल मचा। अस्पताल में श्रृंखला यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। भिलाई नगर कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या तथा हत्याकर साक्ष्य छुपाने का मामला दर्ज किया, पर इसी दौरान आरोपी के परिजन पुलिस को यह बताने में सफल हो गए कि वह नाबालिग है। इसलिए पुलिस को उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेजना पड़ा। बाद में परीक्षा देने के नाम पर उसे सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

इधर मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में चला। श्रृंखला यादव की मां ममता यादव लगातार न्याय के लिए संघर्ष करती रही। फार्स्ट ट्रैक कोर्ट ने क कई लोगों की गवाहियाँ हुईं सरकारी वकील पूजा मोंगरी ने पीड़ित परिवार की तरफ़ से पैरवी की। सात फरवरी 2024 गणेश राम पटेल ने मामले में फैसला सुनाया। आरोपी का आरोप सिद्ध हुआ, उसे 21 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।

सजा सुनाए जाने के बाद उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया था घटना कारित करते वक्त वह नाबालिग था। लिहाजा फरवरी से अब तक उसे बाल संप्रेक्षण गृह में ही रखा गया था। इस बात को लेकर श्रृंखला यादव की मां ने बाल संरक्षण आयोग छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखा। बाल संरक्षण आयोग के पांच सदस्यीय सदस्य में से सोनल गुप्ता जी ने इसे संज्ञान में लिया तथा पाया कि अपराध भले ही नाबालिग ने ही किया हो, पर अपराध बेहद गंभीर तथा व्यस्क श्रेणी का था। चुंकि सजा सुनाए जाते समय आरोपी बालिग हो चुका था, लिहाजा उसे बाल संप्रेक्षण गृह के बजाए सेंट्रल जेल में रखा जाना चाहिए। बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सोनल गुप्ता ने तत्काल मामले में न्यायाधीश से लेकर बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक को पत्र लिखा, तथा तत्काल आरोपी को सेंट्रल जेल भेजने को कहा। बीते शुक्रवार को आरोपी को सेंट्रल जेल दुर्ग भेज दिया गया।

इस मामले में श्रृंखला यादव की मां ममता यादव ने कहा कि न्याय की प्रक्रिया से पूरी तरह से संतुष्ट है, पर वे आरोपी को बाल संप्रेक्षण गृह में रखे जाने से निराश थी। उसे असली सजा तो सेंट्रल जेल जाकर मिलती। इस मामले में बाल संरक्षण आयोग छत्तीसगढ़ के सदस्य सोनल गुप्ता ने संज्ञान लिया। आरोपी को सेंट्रल जेल भेजा गया, अब जाकर उन्हें पूरी संतुष्टी मिली है, न्याय व्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है।ममता यादव ने कहा कि हम जानकारी के अभाव में इधर उधर भटकते हैं सही जगह गुहार नहीं लगा पाते। सोनल कुमार गुप्ता जी ने बाल संरक्षण आयोग छत्तीसगढ़ में रहते हुए उपयुक्त क़दम उठाया है।

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