Bhilai Durg News-अरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बना दुर्ग भिलाई के लिए वरदान…किड़नी से लेकर कैंसर तक भरोसेमंद इलाज…किडनी के कई सफल इलाज के लिए जाना जाता है यह अस्पताल…यूरो सर्जन डॉ नवीन राम दारूका व डॉ. आर के साहू बता रहे हैं कैसे होती है किडनी की बीमारी, इसे बचने के क्या है उपाय…पढ़िए खबर

 Bhilai Durg News-अरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बना दुर्ग भिलाई के लिए वरदान…किड़नी से लेकर कैंसर तक भरोसेमंद इलाज…किडनी के कई सफल इलाज के लिए जाना जाता है यह अस्पताल…यूरो सर्जन डॉ नवीन राम दारूका व डॉ. आर के साहू बता रहे हैं कैसे होती है किडनी की बीमारी, इसे बचने के क्या है उपाय…पढ़िए खबर

 

भिलाई। बीते साल भिलाई व दुर्ग शहर के मध्य में आरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर खुला। और देखते ही देखते यह शहर के लिए वरदान बन गया। इस अस्पताल में सारी सुविधाएं मौजूद है। किडनी से लेकर कैंसर तक इलाज इस अस्पताल में होता है। इस अस्पताल में एक अपनापन है। कम खर्च में ज्यादा सुविधा। बीते दिनों यहां किडनी कैंसर की एक मरीज की सर्जरी चार घंटे तक चली। कैंसर ने स्प्लीन (स्प्लीहा) तथा पैंक्रियाज के एक हिस्से को भी अपनी चपेट में ले लिया था। मरीज को तीन दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डिस्चार्ज के समय मरीज पूरी तरह स्टेबल थी। सम्पूर्ण इलाज आयुष्मान योजना के तहत किया गया।

आरोग्यम के यूरो-सर्जन डॉ. नवीन राम दारूका ने बताया कि सोहतरा, बालोद निवासी इस 55 वर्षीय महिला को बीते दिनों अस्पताल लाया गया था। उसके पेट के बायें हिस्से में दर्द था। वह कब्ज के साथ ही काफी कमजोरी महसूस कर रही थी। क्लिनिकल जांच में पाया गया कि पेट का बायां हिस्सा सख्त था। दिल की धड़कनें थोड़ी तेज थीं पर बुखार नहीं था।

मरीज का सीटी स्कैन और ब्लड टेस्ट किया गया। वह गंभीर रक्ताल्पता की शिकार थी। जांच करने पर उसकी बायीं किडनी में कैंसर का पता चला। कैंसर फैल रहा था और उसने स्प्लीन के साथ ही पैंक्रियाज को भी अपनी चपेट में ले लिया था। कैंसर की यह गांठ अंतड़ियों को भी छूने लगी थी।

डॉ दारूका ने बताया कि मरीज को आयुष्मान योजना के तहत भर्ती कर दूसरे ही दिन सर्जरी प्लान कर ली गई। रक्ताल्पता को देखते हुए पहले उसे चार यूनिट रक्त चढ़ाया गया। यह सर्जरी लगभग 4 घंटे तक चली। जिसमें बायीं किडनी और स्प्लीन को पूरा निकाल दिया गया। साथ ही पैंक्रियाज के एक हिस्से को भी निकालना पड़ा। तीन दिन बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

अरोग्यम अस्पताल किडनी जांच के लिए ज्यादा फेसम है। किडनी मानव शरीर का अत्यंत ही महत्वपूर्ण अंग होता है| आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के यूरोलाजिस्ट डॉ. नविन दारुका ने बताया की सामान्यत: मनुष्यों में दो किडनी पाई जाती है। इसके प्रमुख कार्य है, रक्त में मौजूद हानिकारक एवं विषैले पदार्थो को मूत्र के रूप में बाहर निकालना, शरीर में पानी,तरल पदार्थ तथा खनिज पदार्थो (सोडियम,पोटेशियम,इलेक्ट्रोलाइट) का संतुलन रखना, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहयोग,तथा रक्तचाप पर नियंत्रण करना होता है । किडनी में खराबी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट का कारण बन सकती है।

डॉ.दारुका ने बताया की किडनी की संरचना बड़ी ही जटिल होती है । यह एक फ़िल्टर मशीन की तरह कार्य करती है,किडनी की सबसे महत्वपूर्ण इकाई नेफ्रोन होती है,जो एक छन्नी के समान कार्य करती है,सामान्यत: प्रत्येक किडनी में लगभग 12 लाख नेफ्रोन होते है प्रत्येक नेफ्रोन के दो हिस्से होते है,पहला ग्लोमेरुलस दूसरा ट्यूबयूल्स जिनके माध्यम से रक्त साफ होता है,और गंदगी मूत्र के रूप में शरीर से बाहर हो जाती है|

डॉ.दारुका ने बताया की किडनी में होने वाली बीमारियों के मुख्य कारणों में से किडनी या मूत्र मार्ग में पथरी,प्रोस्टेट ग्रंथि का बड़ना, संक्रमण, कैंसर,जन्मजात रुकावट तथा उच्च रक्तचाप एवं शुगर (मधुमेह) का बढना या नियंत्रित का नही रहना आदि है ।

जिसके कारण किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है,जिसका सही समय में उपचार ना किया जाय तो ऑपरेशन या डायलिसिस की नौबत आ जाती है|

किडनी में होने वाली बीमारियों के प्रमुख लक्ष्ण में जैसे कमर या पीठ में एक तरफ दर्द ,पेशाब का कम आना, रक्त या मवाद आना ,पेशाब में जलन दर्द, लगातार बुखार, उल्टी आना,जी मचलना, शरीर में सूजन एवं हाथ पैरों, चेहरे में सुजन आना इत्यादि होते है । यह लक्ष्ण होने से हमे तुरंत ही यूरोलाजिस्ट या नेफ्रोलाजिस्ट डॉक्टर से संपर्क करना होता है,जो इस विभाग के स्पेशलिस्ट होते हैं । जिससे की समय पर इन बीमारियों पर नियंत्रण करके किडनी को बचाया जा सकता है|

हमारे देश में जानकारी के आभाव में ऐसे कई मरीज आते है,जिनकी किडनी पूरी तरह से ख़राब हो चुकी है। जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करके किडनी में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।

किडनी से बचाव के लिए रोजाना ये करें….

प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी पीना ,अत्यधिक तेल,मसलायुक्त भोजन का सेवन कम करना,उच्च रक्तचाप .शुगर तथा मोटापे में नियंत्रण ,प्रतिदिन व्यायाम तथा समय-समय पर किडनी से सबंधित रक्त की जांचे जिससे किडनी की बीमारियों का उचित समय पर उपचार किया जा सके।

पहले हमारे अंचल के मरीज किडनी की बीमारी या पथरी के उपचार के लिए अन्य राज्यों में जाते थे । साथ ही डायलिसिस के लिए समस्या होती थी कराने से लोग डरते थे

इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुये डॉ. दारुका ने ट्विनसिटी (भिलाई,दुर्ग) में आरोग्यम यूरोलाजी एवं लिथोट्रिप्सी सेंटर की स्थापना की सन् 2015 में की थी |

किडनी की समस्या (क्रोनिक किडनी रोग) वाले मरीज भारत में लगभग 10 % लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं

अतः इन समस्याओं को देखते हुए आरोग्यम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कादंबरी नगर दुर्ग के डायरेक्टर डॉ.नवीन राम दारूका एवं डॉ. आर के साहू ने मिलकर हमारे शहर दुर्ग भिलाई में किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट खोलने का निर्णय लिया जिसका उद्घाटन बीते साल हुआ।

Share

Related post