Bhilai News-मांस मदिरा का सेवन करने वाले भोगते हैं नरक …जीव जंतू को मारने वाले, उसे पकाने वाले तथा उसे खाने वाले तीनों को लगता है बराबर का पाप…एेसे लोगों को ही नरक में खोलते तेल की कड़ाही में डाला जाता है…मनुष्य को मांस मंदिरा के सेवन से बचाना चाहिए-देवकीनंदन ठाकुर
भिलाई । जयंती स्टेडियम भिलाई में आयोजित सात दिवसीय भगवत कथा के चौथे दिन देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मांस मदिरा का सेवन करने वालों को 84 लाख नरक की यातना भोगना पड़ता है। मांस का सेवन करने वालो को तीन व्यक्ति को पाप लगता है। पहला जो मारता है, दूसरा जो पकाता है और तीसरा जो खाता है। इन तीनों को ही नरक में खोलते तेल की कड़ाही में डाला जाता है। मनुष्य को मांस मदिरा के सेवन से बचना चाहिए ।
देवकीनंदन ठाकुर ने नर बलि के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। कहा किजो समाज में अंधविश्ववास फैलाकर जीव हत्या को बढ़ावा दे रहे है उसे देव अराधना में विश्वास रखना चाहिए । इसी कड़ी में मातृ भाषा का उल्लेख करते हुए कहा किजो अपनी मातृ भाषा का उपयोग करते हैं और जो अंग्रेजी का उपयोग करते हैं उससे अच्छा मातृ भाषा है और उससे भी अच्छा संस्कृत है। अगर इंग्लिश बोलना अच्छा होता तो अमेरिका , इंग्लैंड विश्व गुरु होते । मातृ भाषा हिंदी अच्छा है तभी भारत विश्व गुरु कहलाता है।
कथा में समुद्र मंथन के बारे में देवकीनंदन ठाकुर ने बताया की दैत्यों ने गुरु कृपा से अमृत पाकर देवताओं पर विजय पा लिया । इस प्रकार इंद्र को हराकर इंद्रासन पर कब्जा कर लिया । तब सभी देवताओं ने भगवान श्री नारायण से प्रार्थना किया कि हमारी सहायता कीजिए । तब भगवान ने वामन रूप अवतार लिया और राजा बलि के पास पहुंच गए । राजा बलि से बोले मैं तुम्हारे पास कुछ मांगने आया हूं तब राजा बलि ने कहा कि कि भगवान आपको क्या चाहिए। भगवान वामन ने कहा कि मुझे तीन पग जमीन चाहिए , राजा बलि ने कहा प्रभु इन छोटे नन्हें पैरों से तीन पग जमीन लेकर आप क्या करेंगे । भगवान वामन ने कहा मुझे तो सिर्फ तीन पग जमीन ही चाहिए । राजा बलि ने स्वीकार कर तीन पग जमीन देने को तैयार हो गए । तभी राजा बलि के गुरु शुक्राचार्य आकर राजा बलि को बताया की यह साक्षात भगवान है जो तुम्हारे सब कुछ जीत लेंगे। इतना सुनकर भी राजा बलि संकल्प कर देने को तैयार हो गए। तब भगवान ने दो पग में ही सारा ब्रह्माण्ड को नाप लिया । फिर वामन भगवान ने कहा अब मैं तीसरा पैर कहां रखूं तब राजा बलि ने तीसरा पैर अपने सिर पर रखने कहा इस प्रकार भगवान वामन ने राजा बलि के पूरा साम्राज्य ले लिया ।
भगवान ने प्रश्न होकर राजा बलि को वरदान दिया की अभी आप पाताल लोक में निवास कीजिए महाराज जी श्रीमद भागवत कथा में वासुदेव जी महाराज के सातवे संतान के रूप में बलराम जी का जन्म की कथा बताया, एवम माता देवकी के आठवें संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ पूरा पंडाल जन्म उत्सव में झूम उठा , नाच गाने के साथ आरती पश्चात भक्त जनों को दिव्य ज्योति सेवा समिति द्वारा प्रसादी का वितरण किया गया ।