Bhilai News- वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन का प्रयास लाएगा रंग…शहर की पहचान बनेगा राम नगर का मुक्तिधाम…जल्द लेगा वेल डेवलप्ड और विशेष आध्यात्मिक स्वरूप…बिल्डर अजय चौहान ने ली जिम्मेदारी…पढ़िए क्या है विधायक का प्लान

 Bhilai News- वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन का प्रयास लाएगा रंग…शहर की पहचान बनेगा राम नगर का मुक्तिधाम…जल्द लेगा वेल डेवलप्ड और विशेष आध्यात्मिक स्वरूप…बिल्डर अजय चौहान ने ली जिम्मेदारी…पढ़िए क्या है विधायक का प्लान

भिलाई। वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने रामनगर मुक्तिधाम को पूर्ण विकसित करने का प्रयास शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि सबकुछ प्रोजेक्ट के मुताबिक सकारात्मक रहा तो बहुत जल्द राम नगर मुक्तिधाम का यह विशेष स्वरूप भी भिलाई की पहचान में शुमार होगा। भिलाई के कारोबारी अजय चौहान ने इस मुक्तिधाम का कायाकल्प करने की जिम्मेदारी ली है।

पत्रवार्ता में वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन के बताया कि एक वर्ष के भीतर राम नगर का मुक्तिधाम छत्तीसगढ़ ही नहीं देश में भी अपनी विशेष पहचान हासिल करेगा। रामनगर मुक्तिधाम पर्यावरण को ध्यान में रखकर प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा। यहां गार्डन, वातानुकूलित बड़े हाल, पेड़ पौधे, भगवान की प्रतिमाएं, फव्वारा, प्रार्थना कक्ष, वातानुकूलित शोक सभा हाल, क्रियाकर्म पश्चात होने वाले आयोजन के लिए बडे़ कक्ष, साउंड सिस्टम से लैस एलइडी स्क्रीन के साथ मुक्तिधाम को विशेष आध्यात्मिक स्वरूप में संजोया जाएगा। मुक्तिधाम को देवी-देवताओं व धार्मिक चिन्हों की कृतियां, इको फ्रेंडली और सुंदर उपवन के रूप में विकसित किया जाएगा, जो एक तरह से पर्यटन स्थल का भी स्वरूप होगा। मुक्तिधाम के शवदाह गृह को भी इको फ्रेंडली बनाया जाएगा। परिसर में खेल मैदान भी होगा, जहां आस-पास के बच्चे विभिन्न खेल का अभ्यास कर सकेंगे।

 

दो करोड़ रूपये लकड़ी का अधिभार भी होगा कम

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि शहर के एक उद्योगपति अजय चौहान ने उनसे कहा कि यह जवाबदारी आप उन्हें दे दिया जाए। अजय चौहान से इस मुद्दे बैठक हुई। उन्होंने पांच से दस करोड़ रुपये से इस प्रोजेक्ट को अकेले पूरा करने का बीड़ा उठाया है। अजय चौहान का कहना है कि निगम पर लकड़ी का अधिभार भी नहीं होगा, बस निगम उन्हें गोबर उपलब्ध कराए, ताकि मशीन लगा कर अंतिम संस्कार में लकड़ी की बजाय गोबर के उपलों की ढलाई कर गोबर के कंडे से अंतिम संस्कार किया जा सके। बिजली, पानी की आपूर्ति नगर निगम करे। चर्चा के बाद कलेक्टर को एक पत्र दिया गया। नगर निगम कमिश्नर से चर्चा कर इस प्रयास को कलेक्टर ने भी स्वीकृति दी है। अब यह संक्षेपिका बन कर एमआइसी और विशेष सामान्य सभा में आएगा। वहां से प्रस्ताव राज्य शासन को जाएगा और नियम व शर्तों के आधार पर मुक्तिधाम का विकास कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

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