Bhilai News- विश्व का प्रत्येक जीव नास्तिक है…हर कोई इंद्रियों की भक्ति कर रहा है…पाप तभी होता है जब हम भूल जाते हैं कि हम उस परमपिता के अधिन हैं – सुश्री धामेश्वरी देवीजी
भिलाई। जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज की प्रमुख प्रचारिका सुश्री धामेश्वरी देवीजी द्वारा बडा दशहरा मैदान रिसाली सेक्टर भिलाई, में चल रही दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला में वेद शास्त्र के प्रमाणों से विश्व का प्रत्येक जीव एकमात्र आनंद ही चाहता है इसलिए आस्तिक है के सिद्धांत को समझाने के पश्चात् देवी जी ने दूसरे दिन वेदों के द्वारा यह भी प्रमाणित किया कि विश्व का प्रत्येक जीव नास्तिक है क्योंकि हर कोई इंद्रियों की भक्ति करता है लोग कहते हैं कि भगवान सब के अंतःकरण में व्याप्त है लेकिन इसको शतसः मानते नहीं है यदि कोई प्रतिक्षण ईश्वर को अपने अंतःकरण में बैठा माने, अपने साथ हर जगह महसूस करें, तो वह कोई अपराध कर ही नहीं सकता। क्योंकि पाप तभी होते हैं, जब हम यह भूल जाते हैं कि हम उस परमपिता के अधीन हैं और वह प्रतिक्षण हमारे कार्यों को देख रहा है, हमारे कर्मों को हमारे अंदर बैठकर लिखता रहता है। जब लोग मंदिर में जाते हैं केवल उतने समय के लिए भगवान के सामने मंत्र, जाप, श्लोक आदि बोल देते हैं, जैसे ‘‘त्वमेव माता च पिता त्वमेव“ आदि लेकिन मन की आसक्ती घर के माता-पिता में होती है। मंदिर में खड़े होकर भी हमारा ध्यान संसारी कार्यों में लगा रहता है। इस प्रकार हर व्यक्ति, सर्वान्तर्यामी भगवान को धोखा देने का प्रयास करता है और मात्र इंद्रियों की भक्ति करता है। लोग किसी की मृत्यु पर कहते हैं- ‘‘राम नाम सत्य है“ लेकिन यही वाक्य यदि कोई किसी शुभ अवसर पर कह दे, तो इसे महान अपशगुन माना जाता है। हम इतना भी नहीं जानते कि भगवान के नाम में स्वयं भगवान अपनी समस्त शक्तियों के साथ बैठे हुए हैं अर्थात् राम का नाम तो स्वयं राम ही है वह तो सर्वथा शुभ ही है। इसी प्रकार हम लोग ईश्वर को न मानकर संसारी मान्यताओं, खोखली परंपराओं और इंद्रियों की भक्ति को अधिक मान्यता देते हैं। उपरोक्त सभी उदाहरणों से यह सिद्ध होता है कि विश्व का प्रत्येक जीव नास्तिक है।
ईश्वर की वास्तविक भक्ति करने के लिए हमें संसार के स्वरूप को समझना होगा? संसार का स्वरूप आगे प्रवचन में बताया जाएगा। प्रवचन का समापन श्री राधा कृष्ण भगवान की भव्य आरती के साथ हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। 11 दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला का आयोजन दिनांक 20 दिसम्बर 2024 तक रोज शाम 6 से रात 8 बजे तक होगा।