Big News- जूस की दुकान चलाने वाला सौरभ चंद्राकर कैसे बना सट्टा किंग…जूस फैक्ट्री से मेडिकल स्टोर में काम करते तक वह सीख चुका था आनलाइन सट्टा की बारिकी…कोरोना काल में ऑनलाइन सट्टा कारोबार ने पकड़ी रफ्तार, तब वह भाग निकला था दुबई, उसकी पार्टी में फिल्म स्टार भी आते थे नाचने, जानिए कैसे पकड़ा गया सट्टा किंग सौरभ…पढ़िए सरकार बदल देने वाले महादेव सट्टा एप की पूरी कहानी

 Big News- जूस की दुकान चलाने वाला सौरभ चंद्राकर कैसे बना सट्टा किंग…जूस फैक्ट्री से मेडिकल स्टोर में काम करते तक वह सीख चुका था आनलाइन सट्टा की बारिकी…कोरोना काल में ऑनलाइन सट्टा कारोबार ने पकड़ी रफ्तार, तब वह भाग निकला था दुबई, उसकी पार्टी में फिल्म स्टार भी आते थे नाचने, जानिए कैसे पकड़ा गया सट्टा किंग सौरभ…पढ़िए सरकार बदल देने वाले महादेव सट्टा एप की पूरी कहानी

 

भिलाई। भिलाई का रहने वाला सट्टा किंग सौरभ चंद्राकर अंतत: गिरफ्तार कर लिया गया है। सौरभ चंद्राकर कुछ साल पहले तक भिलाई के नेहरू नगर में जूस फैक्ट्री नाम की दुकान चलाता था। उसने जूस फैक्ट्री को बिजनेस चेन बनाने की कोशिश की थी और रायपुर में भी उसकी एक ब्रांच खोली थी। लेकिन, वो इस काम में सफल नहीं हो सका। इसके बाद उसने वर्ष 2019 में आनलाइन सट्टा एप महादेव बुक तैयार किया और उससे अवैध रूप से सट्टे का कारोबार कर छह हजार करोड़ रुपये से अधिक की काली कमाई कर एक सट्टा किंग बन गया।

बता दें कि सौरभ चंद्राकर पहले भिलाई के मदर टेरेसा नगर में रहता था। उसके पिता रमेश चंद्राकर और चाचा दिलीप चंद्राकर भिलाई निगम में पंप आपरेटर थे। सौरभ चंद्राकर ने जब महादेव बुक शुरू किया और उसके तुरंत बाद ही वो दुबई शिफ्ट हो गया। इसके बाद उसके पिता रमेश प्रसाद चंद्राकर ने भिलाई निगम की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और परिवार समेत दुबई में ही शिफ्ट हो गए थे। वहीं उसके चाचा दिलीप चंद्राकर के भिलाई में रहकर महादेव बुक के लोकल नेटवर्क के रूप में काम करने की जानकारी मिली थी। जिसके चलते ईडी ने कई बार दिलीप चंद्राकर के घर पर छापामार कार्रवाई भी हुई थी।

जूस और टायर बेचने वाले बने आनलाइन सट्टा किंग, खड़ा किया अरबों का साम्राज्य

कुछ साल पहले तक भिलाई में रहकर जूस बेचने वाले सौरभ चंद्राकर का पार्टनर भिलाई के दक्षिण गंगोत्री सुपेला में टायर की दुकान चलाने वाला रवि उप्पल है। दोनों ने महादेव बुक को शुरू करने के बाद अब तक अरबों रुपयों की काली कमाई की और आनलाइन सट्टा का साम्राज्य खड़ा किया। वर्तमान में इन दोनों का परिवार भी दुबई में रह रहा है। रवि उप्पल के दोनों बच्चे लंदन में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

कोरोना के समय शुरू किया महादेव बुक, फिर खरीदा रेड्डी अन्ना

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने कोरोना काल के दौरान महादेव बुक को शुरू किया। ये एप इतना ज्यादा सफल हुआ कि छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देशभर के लाखों लोग इससे जुड़ गए। इससे हुई करोड़ों रुपये की कमाई से कुछ ही दिनों में इन्होंने रेड्डी अन्ना एप को खरीद लिया। इसके बाद इन्होंने फेयरप्ले, लोटस, अंबानी बुक जैसे कई सट्टा एप डेवलप किए और आज के समय में एक ही दिन में करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहे थे।

सौरभ ने डेढ़ साल पहले की थी शादी, खर्च किए थे 200 करोड़

सट्टा के अवैध कारोबार में सफल होने के बाद सौरभ चंद्राकर ने फरवरी 2023 में धमतरी की हर्षिता नाम की युवती से दुबई में शादी की थी। संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमाह नाम के होटल में आयोजित शादी में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। जिनका नकद भुगतान हवाला के माध्यम से किया गया था। शादी में बालीवुड के कई कलाकारों ने प्रस्तुति दी थी। इस शादी में भिलाई दुर्ग के कई सटोरिये प्राइवेट प्लेन दुबई गई थे।

शुरू से ही सट्टा में लिप्त रहा सौरभ, दुकानों में बैठकर लगाता रहता था दांव

सौरभ चंद्राकर शुरू से ही सट्टा में लिप्त रहा है। वो पहले खुद सट्टा पर दांव लगाता था। पहले उसने कैंप क्षेत्र के एक मेडिकल स्टोर में कुछ दिन तक काम किया। वहां पर भी ज्यादा समय सट्टा के अंकों में ही उलझा रहता था। बताया जाता है, कि दांव लगाकर सिर्फ दो बार जीता था। जिसके बाद उसे समझ में आया कि सट्टा खेलने वाला कभी अमीर नहीं बन सकता। इसलिए उसने खुद सट्टा खिलाने के लिए आनलाइन एप लांच कर दिया।

महादेव बुक का सफरनामा

वर्ष 2019 से महादेव बुक शुरू हुआ। जिससे भिलाई-दुर्ग के लोग ही पहले जुड़े और पैनल संचालित कर लाखों रुपये की कमाई की।

कोरोना काल के चलते लगे लाक डाउन का इनको भरपूर लाभ मिला। उस दौरान इनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई।

वर्ष 2022 में पहली बार मोहन नगर थाना और जामुल थाना में मेमोरंडम कथन के आधार पर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को आरोपी बनाया गया।

वर्ष 2022 से ही पुलिस ने महादेव बुक के ब्रांच पर छापामार कार्रवाई शुरू की। जिसके बाद प्रदेश भर में 150 से अधिक कार्रवाई हुई और एक हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए।

शुरुआत में अलग अलग लोगों के नामों पर खोले गए खातों से सट्टा के रुपयों का लेनदेन होता था, फिर हवाला के माध्यम से रुपयों का लेनदेन शुरू हुआ।

भिलाई-दुर्ग के सटोरिये छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ ही कोलकाता, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश, पंजाब, गोवा सहित अन्य राज्यों में जाकर सट्टा का संचालन करने लगे।

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