Good News-फूल, बुके, माला, प्रतीक चिन्ह में फिजुल खर्च करने वाली आयोजन समितियों से विधायक रिकेश सेन ने की अनूठी अपील…कहा इन चीजों की बजाएं महापुरूषों की जीवनी से संबंधित पुस्तकें दें, स्वागत सूत की माला व रक्षा सूत्र से करें…विधायक के इस अपील की जमकर हो रही है तारीफ…पढ़िए इस युवा विधायक ने सकरात्मकता के तहत क्या संदेश दिया

 Good News-फूल, बुके, माला, प्रतीक चिन्ह में फिजुल खर्च करने वाली आयोजन समितियों से विधायक रिकेश सेन ने की अनूठी अपील…कहा इन चीजों की बजाएं महापुरूषों की जीवनी से संबंधित पुस्तकें दें, स्वागत सूत की माला व रक्षा सूत्र से करें…विधायक के इस अपील की जमकर हो रही है तारीफ…पढ़िए इस युवा विधायक ने सकरात्मकता के तहत क्या संदेश दिया

 

भिलाई। सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति और दशहरा उत्सव समितियों से वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने आज एक अपील की है कि वैशाली नगर, भिलाई नगर और समीपस्थ विधानसभा अंतर्गत विभिन्न आयोजनों में उन्हें बतौर अतिथि आमंत्रित किया जा रहा है, सभी कार्यक्रमों में शामिल होने का उनका पूरा प्रयास भी होता रहा है। मगर उन्होंने देखा कि अनेक आयोजन समितियां विधायक के स्वागत अभिनन्दन में फूल, बुके, प्रतीक चिन्ह सहित अनेक ऐसे खर्च कर रही हैं जो कि फिजुल और अनावश्यक खर्च है।

श्री सेन ने कहा कि विभिन्न समितियां और सामाजिक संस्थाएं आपसी कान्ट्रीब्यूशन और चंदा कर आयोजन करती हैं, ऐसे में उनके द्वारा स्वागत सत्कार के लिए फूल माला बुके आदि में एक बड़ी राशि का व्यय होता है जो कि एक तरफ व्यवहारिक दृष्टिकोण से सही हो सकता है मगर सच यही है कि ऐसे स्वागत सत्कार में बुके, प्रतीक चिन्ह आदि का खर्च अनावश्यक और समिति के लिए एक तरह से बोझ है क्योंकि इसी राशि से समिति मानव सहायतार्थ और भी काम कर सकती है जो कि सामाजिक रूप से उपयोगी और जरूरी भी है।

विधायक रिकेश सेन ने उन्हें अतिथि आमंत्रित करने वाली सभी समितियों और आयोजनकर्ताओं से अनुरोध किया है कि स्वागत सत्कार की प्रथा का पालन वो अवश्य करें मगर फूल, माला, बुके, प्रतीक चिन्ह में खर्च करने की बजाय वो स्वागत स्वरूप सूत की माला, रक्षा सूत्र और प्रतिक चिन्ह के रूप में पुस्तकें जो कि धार्मिक, महापुरुषों की जीवनी, महापुरुषों के संदेश, प्रेरक कथा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीर गाथा अथवा रोपण किए जाने वाले पौधे आदि हो सकते हैं। ऐसी भी वस्तुएं जो कि मानव सेवा और जरूरतमंद के काम आएं। श्री सेन ने कहा कि अमूमन फूल बुके सूख कर बेकार हो फेंके जाते हैं, प्रतीक चिन्ह भी मानव सेवार्थ किसी काम का नहीं होता। उन्होंने कहा कि आगामी सभी आयोजन में मुझे आमंत्रित करने वाली आयोजन समितियां इस विषय पर मेरी अपील को अवश्य मानेंगी ऐसा मुझे विश्वास है।

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