Bhilai News- भिलाई कोहका में दो एकड़ में चल रही थी अवैध प्लाटिंग…निगम की टीम को देखकर भाग निकले बुकिंग कर्मचारी…अयप्पा नगर में भी मिली शिकायत…सस्ते के चक्कर में आप मत फंसिए…प्लाट खरीदने से पहले पढ़ लीजिए यह खबर…अन्यथा बाद में होगा पक्षतावा

 Bhilai News- भिलाई कोहका में दो एकड़ में चल रही थी अवैध प्लाटिंग…निगम की टीम को देखकर भाग निकले बुकिंग कर्मचारी…अयप्पा नगर में भी मिली शिकायत…सस्ते के चक्कर में आप मत फंसिए…प्लाट खरीदने से पहले पढ़ लीजिए यह खबर…अन्यथा बाद में होगा पक्षतावा

 

भिलाई। कोहका में फिर अवैध प्लाटिंग का मामला पकड़ा गया। यहां दो एकड़ भूमि पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा था। सूचना मिलते ही भिलाई निगम की टीम मौके पर पहुंची। वहां मौजूद प्लाटिंग करने वाले निगम की टीम को देखकर भाग निकले। निगम की टीम ने कार्रवाई की, साथ ही लोगों से अपील भी की। निगम ने कहा कि कोई भी प्लाट खरीदने से पहले एक बार नगर निगम के भवन अनुज्ञा शाखा व राजस्व विभाग से दस्तावेज जांच जरुर करवा लें।

बता दें कि शुक्रवार को भिलाई नगर निगम को जानकारी मिली की ग्राम कोहका के खसरा क्रं. 2136, 2142, 2143, 2144, 2145 लगभग दो एकड़ भूमि में अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है। सूचना पर नगर निगम के भवन अनुज्ञा अधिकारी हिमांशु देशमुख, जोन के राजस्व अधिकारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई की। मौके पर जैसे ही नगर निगम की टीम पहुंची, प्लाट बुकिंग करने वाले स्थल छोड़ के भाग निकले । नया बुकिंग अपडेट अयप्पा नगर का मिला। जिसमें जगह को चिन्हित करके प्लाट के रूप में बेचा जा रहा था। जिला कलेक्टर एवं आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव लोगों से अपील करते हुए कहा कि मकान या दुकान के लिए प्लाट खरीदने से पहले उसका राजस्व विभाग से सत्यता की जानकारी अवश्य कर लेवें।

दरअसल लोग सस्ते प्लाट के चक्कर में खरीद तो लेते हैं, बाद में उन्हें भवन अनुज्ञा के लिए चक्कर काटना पड़ जाता है। लिहाजा प्लाट खरीदने से पहले नगर पालिक निगम भिलाई के भवन अनुज्ञा शाखा, राजस्व विभाग के हल्का पटवारी के पास या टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिग विभाग से सत्यापन करा लेना चाहिए। दरअसल प्लाट खरीदने के बाद हितग्राही मकान, दुकान बनवाने के लिए नगर निगम भिलाई से भवन अनुज्ञा विभाग में आवेदन करने जाता है तब उसे पता चलता है कि प्लाट तो अवैध है।

निगम प्रशासन का कहना है कि लोगों को प्लाट खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए। कार्रवाई के दौरान कोई भी प्लाट विक्रेता स्थल पर उपस्थित नहीं रहता। जब कभी प्लाट खरीदने वालों को पता चलता है कि हमारे प्लाट पर नगर निगम भिलाई द्वारा तोड़फोड़ किया जा रहा है, तब वह रजिस्ट्री पेपर लेकर उपस्थित होता है । तब उसे पता चलता है कि खरीदा गया प्लाट अवैध है।

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