Big News-कांग्रेस के पूर्व नेता विजय साहू ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिखाया आइना…कहा जब छत्तीसगढ़, हिमाचल, कर्नाटक जीते तब इवीएम खराब नहीं था…चार विषयों पर भूपेश बघेल को लिखा पत्र…कहा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने के बजाए लोकसभा चुनाव में ध्यान दें…पढ़िए पूरी खबर

 Big News-कांग्रेस के पूर्व नेता विजय साहू ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिखाया आइना…कहा जब छत्तीसगढ़, हिमाचल, कर्नाटक जीते तब इवीएम खराब नहीं था…चार विषयों पर भूपेश बघेल को लिखा पत्र…कहा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने के बजाए लोकसभा चुनाव में ध्यान दें…पढ़िए पूरी खबर

 

भिलाई। कांग्रेस के पूर्व नेता ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल न उठाने की सलाह दी है । कहा की जब छत्तीसगढ़, हिमाचल तथा कर्नाटक में कांग्रेस जीतकर सरकार बनाई तब इवीएम में खराबी नजर नहीं आई। अपनी संभावित हार देखकर पहले से ही इवीएम का बहाना शुरू कर दिया गया है।

बता दें कि पूर्व क्रेडा सदस्य व कांग्रेस नेता विजय साहू एक समय में दुर्ग जिले की राजनीतिक के चाणक्य माने जाने वाले स्व.वासुदेव चंद्राकर व पूर्व मुख्यमंत्री के बेहद खास थे। 2023 के चुनाव में उन्होंने वैशाली नगर से टिकट की मांग की थी। टिकट नहीं मिलने के बावजूद वे कांग्रेस से जुड़े रहे, दुर्ग जिले के नेताओं को दूसरे लोकसभा में टिकट दिए जाने से कांग्रेस से नाराज हो गए। उन्होंने अपने साथियों के साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने, तथा हर लोकसभा से 375 प्रत्याशी खड़ा किए जाने के सवाल पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हमेशा इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। हर लोकसभा में 375 प्रत्याशी खड़ा करने की बात कह रहे हैं, भूपेश बघेल हमेशा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं। यह दुर्भाग्यजनक है।

विजय साहू ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने 50 से 55 सीटों का आंकलन किया था, पर 68 सीटें मिली। तब इवीएम खराब नहीं था। हिमाचल के चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर सरकार बनाई, तब इवीएम खराब नहीं था। कर्नाटक में 135 सीट जीती तब इवीएम खराब नहीं था।

विजय साहू ने पत्र में भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेश बघेल के कुशासन व परिवारवाद के कारण जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। लोकसभा चुनाव के पहले भी तानाशाही चल रही है। दुर्ग के लोगों को दूसरे लोकसभा में प्रत्याशी बनाया जा रहा है। इसी वजह से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता जा रहा है और वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं।

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