Bhilai News-विधानसभा में उठा 293 प्लाट आवंटन का मामला…विधायक रिकेश सेन ने विधानसभा में उठाया मुद्दा…नगरीय निकाय मंत्री ने कलेक्टर को किया अधिकृत…प्लाटधारियों की समस्याओं को निराकरण जल्द

 Bhilai News-विधानसभा में उठा 293 प्लाट आवंटन का मामला…विधायक रिकेश सेन ने विधानसभा में उठाया मुद्दा…नगरीय निकाय मंत्री ने कलेक्टर को किया अधिकृत…प्लाटधारियों की समस्याओं को निराकरण जल्द

 

भिलाई । बीते 25 वर्ष से अटका पड़ा 293 प्लाट का प्रकरण वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने सदन के प्रश्नकाल में उठाया। उनकी इस पहल पर नगरीय निकाय मंत्री ने तत्काल इस प्रकरण में दुर्ग जिला कलेक्टर को निर्देशित किया है कि शीघ्र इस मामले का निराकरण कर लोगों को राहत दी जाए।

बता दें कि भिलाई नगर निगम के अंतर्गत एक बड़ा मामला जो ढाई दशक से किसी न किसी कारण से अटका था, वैशाली नगर विधायक के प्रयास से निराकरण की दिशा में अग्रसर हो चला है। 293 लोगों को साडा कार्यकाल में जमीन आवंटित किया गया था। निगम बनने पर एक शिकायत आयुक्त के पास आया जिसमें कहा गया कि ये सभी प्लाट अत्यंत कम दर पर कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने आवंटित हुए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि इस शिकायत पर जांच इतनी लंबी हुई कि दस, फिर बीस और 25 वर्षों बाद भी मामला अब तक अटका रहा। नतीजतन इसका कोई निर्णय नहीं हो सका था। इस बीच में जो लोग कोर्ट चले जाते थे, उनकी रजिस्ट्री और भवन निर्माण अनुज्ञा दी गई, शेष लोग इंतजार में फंसे रह गए।

मध्यप्रदेश के समय में उसमें यह कहा गया कि इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है और सभी को मालिकाना हक मिलना चाहिए। उस समिति के निर्णय आने के बावजूद भी लगातार रजिस्ट्री व अन्य कार्य पेंडिंग रहा। शासन का आदेश था कि कलेक्टर इसका निराकरण करेंगे लेकिन आदेश के बाद भी कई कलेक्टर बदले मगर प्लाटधारियों को राहत नहीं मिली। किसी भी कलेक्टर ने इच्छाशक्ति से इस केस को निपटारा करने का प्रयास नहीं किया।

इससे नुकसान हुआ है कि नगर निगम में वो जो 293 प्लाट वाले जो अपना मकान बना लिए, अपनी दुकान बना लिए लेकिन नगर निगम को कोई रेवेन्यू जमा नहीं करते हैं। इससे नगर निगम का राजस्व का नुकसान हुआ है और इसके साथ में भवन अनुज्ञा, बीसीसी, एलओसी जो कोर्ट में चले गए उनको मिला है और बाकि लोगों को नहीं मिला है।

रिकेश सेन की मांग पर नगरीय निकाय मंत्री ने कलेक्टर को अधिकृत कर दिया है, अब किसी को कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं है। किसी को राज्य शासन के पास जाने की आवश्यकता नहीं है, अब जो कलेक्टर हैं जल्द से जल्द इसका निराकरण करेंगे।

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