Big News-जांच में खुलासा, सफाई ठेका भुगतान में नहीं हुआ आर्थिक अपराध …जांच अधिकारी ने निगम प्रशासन से ब्लैक लिस्टेड कंपनी मेसर्स पीवी रमन के खिलाफ अपराध दर्ज कराने कहा …फर्जी शपथ पत्र देकर लिया था सफाई ठेका…जानिए क्या है पूरा मामला

 Big News-जांच में खुलासा, सफाई ठेका भुगतान में नहीं हुआ आर्थिक अपराध …जांच अधिकारी ने निगम प्रशासन से ब्लैक लिस्टेड कंपनी मेसर्स पीवी रमन के खिलाफ अपराध दर्ज कराने कहा …फर्जी शपथ पत्र देकर लिया था सफाई ठेका…जानिए क्या है पूरा मामला

 

भिलाई । रिसाली निगम क्षेत्र में सफाई के ऐवज में मेसर्स पीवी रमन को दिए जाने वाले भुगतान मामले की जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच में किसी प्रकार की आर्थिक अनियमितता नहीं पाई गई है। जांच अधिकारी अपने प्रतिवेदन में निगम प्रशासन को मेसर्स पीवी रमन के खिलाफ थाने में पुनः अपराध दर्ज कराने की कार्रवाई किए जाने अवश्य उल्लेख किया है।

बता दें कि निगम प्रशासन को अंधेरे में रख और फर्जी शपथ पत्र देकर सफाई ठेका लेने वाले मेसर्स पीवी रमन का मामला उस समय तूल पकड़ लिया था, जब निगम प्रशासन ने रमन को मार्च 2023 में भुगतान किया था। इसी विषय को लेकर जिला कोषालय अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने जांच शुरू की थी। उन्होंने अपने जांच प्रतिवेदन में पाया कि निगम ने मामले का खुलासा होते ही न केवल अनुबंध निरस्त कर धरोहर राशि को राज सात करने की कार्रवाई की, वहीं इसके अलावा चल देयकों की राशि पांच प्रतिशत सुरक्षा निधि की राशि के स्थान पर चल देयकों से 35 प्रतिशत राशि रोक कर भुगतान की गई है।

निगम शासन को दे सूचना

फर्जी तरीके से शपथ पत्र देकर निविदा हासिल करने के मामले में जांच अधिकारी ने निगम प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए है कि मेसर्स पीवी रमन की निविदा निरस्त का ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई पूरी करते हुए इस पूरे मामले की सूचना राज्य सरकार को दी जाए।

भविष्य निधि संगठन द्वारा नहीं मिला पत्र

जांच प्रतिवेदन में तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष दिया गया है कि मामले का खुलासा होते ही निगम ने नेवई थाना में प्राथमिकी दर्ज करने पत्र दिया गया है, किन्तु पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया। वहीं भविष्य निधि संगठन द्वारा खाता फ्रीज करने संबंधी पत्र प्राप्त नहीं होने की वजह से पीवी रमन के पार्टनर की सहमती के आधार पर अन्य खाते में भुगतान किया गया है।

इस वजह से रोकी गई राशि

जांच अधिकारी ने पाया कि भुगतान के पहले महापौर परिषद ने भुगतान के लिए प्रस्ताव पारित किया था। साथ ही इएसआइसी एवं इपीएफ के अंशदान चालान प्रति प्राप्त नहीं होने की वजह से 35 प्रतिशत के भुगतान पर रोक लगाई है। बताया गया कि पीवी रमन की देय राशि में 35 प्रतिशत कटौती और फरवरी का वेतन मिलाकर कुल 59 लाख 62 हजार रुपये हैं। यह राशि निगम के पास है।

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